सिर्फ बंगला नहीं कांग्रेस का दूसरा पावर सेंटर था राहुल गांधी का पता, कहानी 12 तुगलक लेन की
नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी हो चुका है। इसके साथ ही 12, तुगलक लेन (राहुल का पता) से जुड़ी कांग्रेस की सियासी कहानी भी अहम मोड़ लेने जा रही है। राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि 10 जनपथ (सोनिया गांधी का पता) के बाद यह घर कांग्रेस का दूसरा पावर सेंटर बनकर उभरा था।
क्या होगा नया पता?
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अयोग्य घोषित होने के बाद ही राहुल ने घर तलाशना शुरू कर दिया था। हालांकि, लोकसभा सदस्यता के अलावा यह मुद्दा भी कांग्रेस ने उठा दिया है और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ हमलावर हो गई है।
सुलझे कई मुद्दे
12 तुगलक लेन में राहुल के शिफ्ट होने के बाद कांग्रेस नेताओं का रुख भी बदल गया। कहा गया है कि पार्टी नेता कई अहम मुद्दों के लिए कांग्रेस के इस दूसरे पावर सेंटर का रुख करने लगे। इसका बड़ा उदाहरण छत्तीसगढ़ की सियासत में आए तूफान यानी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच तनाव और राजस्थान में हुई सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी हैं।
19 सालों की कहानी का अंत
राहुल को बंगला खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। खास बात है कि इस आवास पर करीब 19 सालों से हैं। साल 2004 में अमेठी से पहली बार सांसद बनने के बाद उन्हें यह घर आवंटित हुआ था। इसके बाद से ही यह कांग्रेस से जुड़ी कई अहम बैठकें, चर्चाएं और मंथन का गवाह बना।
घर को जानिए
अपनी श्रेणी में सबसे उच्च वर्ग के माने जाने वाले यह टाइप 8 बंगला काफी विशाल है। इसके अंदर जिम और कुछ दफ्तर भी हैं। खास बात है कि गांधी परिवार से जुड़े बेहद करीबी लोगों को ही इस घर में एंट्री मिलती है। जबकि, अन्य लोगों की पहुंच केवल दफ्तर तक ही है। यहां पत्रकार भी पहुंच सकते हैं, लेकिन चर्चाएं लॉन तक ही होती हैं।