September 24, 2024

अतीक के आतंक का हुआ अंत हुई उम्रकैद, सजा सुन फुट-फुट रोया माफिया

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प्रयागराज

17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है. कोर्ट ने तीनों पर 1- 1 लाख का जुर्माना भी लगाया.  तीनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना वसूलकर उमेश पाल के परिवारीजनों को दिया जाएगा। जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया.

उमेश पाल 2005 में हुए राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था. कोर्ट का यह फैसला इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि उमेश की 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई.  इस मामले में भी अतीक, उसका भाई अशरफ, बेटा असद समेत 9 लोग आरोपी हैं. इससे पहले सोमवार को अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया. उसके भाई अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाया गया. इसके अलावा एक अन्य आरोपी फरहान को भी यहीं लाया गया था.

अतीक अहमद समेत 3 को उम्रकैद की सजा

प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद, हनीफ, दिनेश पासी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने इस मामले में अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया.

सजा पर बहस के बाद दोपहर दो बजे के करीब दोषी करार दिए गए अतीक, दिनेश और सौलत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सजा पर बहस के दौरान अतीक ने खुद अपना पक्ष रखा है।

अतीक अहमद और दिनेश पासी को 364-ए/34, 120 बी, 147, 323/149, 341, 342, 504 के तहत दोषी ठहराया गया है। जबकि सौलत हनीफ खान, जो अतीक के वकील हैं, उन्हें 506(2), 7सीआरएलए, 364 और 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें सबसे बड़ी धारा 364-ए/34 अपहरण कर जान से मारने की धमकी की है, जिसमें फांसी अथवा आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

 

उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को दोषी करार दिया गया है। अब से कुछ देर पहले प्रयागराज कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अतीक साथ उसके भाई सहित 10 आरोपी के खिलाफ स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) का फैसला सुनाया है। उमेश पाल अपहरण केस में सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। उन्‍हें अपने दफ्तर ले जाकर टार्चर किया और फिर जबरदस्‍ती हलफनामा दिलवाकर गवाही बदलवा दी।

आज उमेश के साथ अतीक के गुनाहों का पहला इंसाफ हो गया है। एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने अतीक समेत कुल 3 आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया है। मामले में अतीक का भाई अशरफ सहित कुल 11 आरोपी थे जिनमें से एक की मौत हो चुकी हैै। मामले में अशरफ समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि फैसला सुनाए जाने के वक्‍त अतीक अपने भाई अशरफ से गले मिलकर रोने लगा।

अतीक, पूर्व पार्षद दिनेश पासी और सौलत हनीफ खान एडवोकेट को दोषी करार दिया गया है। 10 में से तीन आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। फैसले के बाद कचहरी परिसर में वकीलों ने 'फांसी दो, फांसी दो' के नारे भी लगाए।

सजा पर बहस हो गई है। बताया जा रहा है कि दोषी करार दिए गए अतीक, दिनेश और सौलत को आज आज ही सजा भी सुनाई जाएगी। थोड़ी ही देर में सजा का ऐलान किया जा सकता है। सजा पर बहस के दौरान अतीक ने खुद अपना पक्ष रखा है। दोषी करार दिए गए अतीक के जुल्‍मों की कहानी कितनी खौफनाक है

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2006 में जब उमेश पाल का अपहरण हुआ तो एक साल तक वह अतीक के खिलाफ केस ही नहीं दर्ज करा पाए। अतीक के खिलाफ केस दर्ज हुआ यूपी की सत्‍ता में बसपा के आने और सुश्री मायावती के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद। उमेश ने 5 जुलाई 2007 को अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ केस दर्ज कराया। उमेश ने इन पर अपहरण कर अपने दफ्तर में ले जाने, बंधक बनाने, जबरन हलफनामा तैयार कराने और गवाही दिलाने का आरोप लगाया था।

अतीक ने दफ्तर के टार्चर रूम में बनाया था बंधक

पुलिस का मामना है कि अतीक ने उमेश को किडनैप करने के बाद अपने दफ्तर के टार्चर रूम में बंधक बनाया था। वहीं उमेश की बेरहमी से पिटाई की गई थी और जबरन उससे हलफनामा लिया गया कि राजू पाल हत्‍याकांड में वह मौके पर नहीं था। हलफनामे के साथ अतीक के करीबियों ने उमेश पाल को ले जाकर कोर्ट में पेश किया जहां उसने गवाही दी थी कि हलफनामा वह अपने होशोहवास में लगा रहा है। उमेश ने अतीक के डर से गवाही दे दी थी कि वह राजू पाल हत्‍याकांड के वक्‍त मौके पर नहीं था। इसके बाद उमेश को अतीक के गुर्गों ने छोड़ दिया।

अतीक से मिल जाने की फैल गई थी चर्चा

कोर्ट में विधायक राजू पाल हत्‍याकांड में दी गई गवाही बदलने के बाद उमेश पाल के बारे में प्रयागराज में चर्चा फैल गई थी कि वह अतीक से मिल गए हैं। जबकि सच्‍चाई यह थी कि उमेश बुरी तरह डरे हुए थे। सूबे की सत्‍ता बदलने के बाद उनका यह डर कुछ कम हुआ तो उन्‍होंने अतीक के खिलाफ केस भी दर्ज कराया। अपहरण के एक साल बाद दर्ज हुई एफआईआर को लेकर लम्‍बी कानूनी लड़ाई चली। इस बीच राजू पाल मर्डर केस की भी कानूनी लड़ाई उमेश लड़ते रहे। इसी बीच 24 फरवरी को गाड़ी से उतरते वक्‍त बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्‍या कर दी। उमेश के साथ उनके गनर की भी मौत हो गई थी। कुल 44 सेकेंड में अंजाम दिया गया।

हत्‍याकांड में कब आएगा इंसाफ

अतीक और उसके गुर्गों को उमेश पाल के अपहरण कांड में तो दोषी करार दिया गया लेकिन उमेश के हत्‍याकांड में इंसाफ का अभी इंतजार है। बता दें कि इस हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपी अतीक का तीसरे नंबर का बेटा असद और उसके चार अन्‍य साथी घटना के बाद से ही फरार है। पुलिस ने उन पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। अतीक की पत्‍नी शाइस्‍ता पर भी उमेश पाल हत्‍याकांड की साजिश रचने का आरोप है।

वह भी फरार चल रही है। उस पर भी 25 हजार रुपए का इनाम रखा गया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक दो बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया। उमेश पाल की मां और पत्‍नी अतीक, अशरफ और हत्‍याकांड में शामिल सभी अपराधियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि ये जिंदा बच गए तो अगला नंबर उनका हो सकता है। उमेश पाल के बच्‍चे अभी छोटे हैं। उमेश की हत्‍या के बाद परिवार में ऐसा कोई नहीं जो केस लड़ सके। उमेश के परिवार ने योगी आदित्‍यनाथ सरकार पर भरोसा जताते हुए उम्‍मीद जताई है कि उन्‍हें पूरा इंसाफ जरूर मिलेगा।

 

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