November 25, 2024

2023 जाने कब है हनुमान जयंती, पूजा का शुभ मुहूर्त एवं महत्व

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हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हनुमान जयंती पर्व मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर हनुमान जी की विधिवत पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बजरंगबली भगवान शिव के 11वें अवतार हैं और इन्हें कलयुग का देवता भी कहा जाता है।

हनुमान जयंती के दिन पूजा-पाठ करने से साधक को बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है और उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही हनुमान अपने भक्त की सदैव रक्षा करते हैं। अब जब चैत्र मास शुरू होने वाला है, ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि इस वर्ष हनुमान जयंती पर्व किस दिन मनाया जाएगा। आए जानते हैं हनुमान जयंती पर्व की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

हनुमान जयंती 2023 कब है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल 2023 को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 06 अप्रैल 2023 को सुबह 08 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार हनुमान जयंती पर्व 06 अप्रैल 2023, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।

हनुमान जयंती महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमान जयंती के दिन विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से साधक के सभी संकट दूर हो जाते हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस विशेष दिन पर बजरंगबली को सिंदूर अर्पित करने से सभी कार्य सफल होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ का विशेष महत्व है। इनका पाठ करने से हनुमान जी जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की झोली खुशियों से भर देते हैं।

शुभ मुहूर्त

हनुमान जी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा पर चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था। हिन्दू नववर्ष में हनुमान जन्‍मोत्‍सव 06 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान जी महाराज की पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ रहेगा। जो कि दोपहर 12.02 से 12.53 तक होगा।

हनुमान जन्‍मोत्‍सव पर बजरंगबली की पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में हनुमान जी महाराज एक ऐसे देवता हैं, जिन्हें चिरंजीवी माना गया है। हनुमान जी कलयुग के देवता है। यही कारण है कि कलयुग में केसरीनंदन की उपासना का फल शीघ्र प्राप्त होता है। मान्यता है कि यदि संकट के समय हनुमान जी का सच्चे मन से सुमिरन किया जाए तो वे अपने भक्त की स्वंय रक्षा करते हैं उसे हर पीड़ा से बचाते हैं।

शनि के प्रकोप से रक्षा करते हैं हनुमान जी

शनि देव की अशुभ प्रभाव से बचने के लिए हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए। मान्यता है बजरंगबली के भक्त को शनि देव कभी परेशान नहीं करते। शनि साढ़ेसाती के दौरान हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।

हनुमान जी महाराज को प्रिय है पीपल के पत्ते और लड्डू

हनुमान जन्‍मोत्‍सव पर जो पीपल के पत्ते, बेसन के लड्डू, लाल रंग के पुष्प से इनकी पूजा करता है उसके जीवन में हनुमान जी खुशियों की वर्षा करते हैं। कहते हैं कि धरती पर जहां-जहां प्रभु श्रीराम की भक्ति होती है वहां हनुमान जी मौजूद रहते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए हनुमान जन्‍मोत्‍सव पर रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए। इससे अपार सुख-संपत्ति और सौभाग्य मिलता है।शुभ मुहूर्त

हनुमान जी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा पर चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था। हिन्दू नववर्ष में हनुमान जन्‍मोत्‍सव 06 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान जी महाराज की पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ रहेगा। जो कि दोपहर 12.02 से 12.53 तक होगा।

हनुमान जन्‍मोत्‍सव पर बजरंगबली की पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में हनुमान जी महाराज एक ऐसे देवता हैं, जिन्हें चिरंजीवी माना गया है। हनुमान जी कलयुग के देवता है। यही कारण है कि कलयुग में केसरीनंदन की उपासना का फल शीघ्र प्राप्त होता है। मान्यता है कि यदि संकट के समय हनुमान जी का सच्चे मन से सुमिरन किया जाए तो वे अपने भक्त की स्वंय रक्षा करते हैं उसे हर पीड़ा से बचाते हैं।

 

 

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