पाकिस्तान में बंद होने लगीं विदेशी कंपनियां, मुनाफे में 80.4 प्रतिशत की गिरावट
इस्लामाबाद
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2022 से जून 2023 तक चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान विदेशी कंपनियों द्वारा पाकिस्तान से मुनाफे का प्रत्यावर्तन 80.4 प्रतिशत कम हो गया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एसबीपी ने कहा कि विदेशी कंपनियों ने जुलाई 2022 से फरवरी 2023 की अवधि के दौरान मुनाफे और लाभांश में 225.1 मिलियन डॉलर भेजे, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,146.4 मिलियन डॉलर का विदेशी कंपनियों का मुनाफा हुआ था।
लेटेस्ट आंकड़ों से पता चला है कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) पर लाभ भुगतान जुलाई 2022 से फरवरी 2023 तक 188.1 मिलियन डॉलर था, जबकि पिछले वित्त वर्ष में उक्त अवधि के दौरान यह 1,037.8 मिलियन डॉलर था।
एसबीपी के आंकड़ों में कहा गया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) पर लाभ पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 108.6 मिलियन डॉलर की तुलना में आठ महीनों में घटकर 36.9 मिलियन डॉलर रह गया।
जबकि फरवरी में लाभ की निकासी पिछले साल के इसी महीने के 132.9 मिलियन डॉलर के मुकाबले महज 4.9 मिलियन डॉलर थी।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत और खराब होने वाली है। यहां अब हजारों लोगों के आगे रोजगार का संकट खड़ा होने की संभावना काफी बढ़ गई है। दरअसल पाकिस्तान में काम कर रही दक्षिण कोरियाई कंपनी भारी नुकसान में है। इन कंपनियों ने शटर गिराने की संभावना जताई है। पाकिस्तान में काम कर रही दक्षिण कोरियाई कंपनियां वर्तमान में आयात प्रतिबंधों और पोर्ट पर फंसे कंटेनरों की देरी से निकासी के कारण काफी प्रभावित हैं। ऐसे में कंपनियां पाकिस्तान में अपने कारोबार समेटने की सोच रही हैं।
पाकिस्तान में कोरियाई व्यापारिक हितों पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट के अनुसार, कोरिया ट्रेड-इनवेस्टमेंट प्रमोशन एजेंसी (Kotra) और कोरियाई निवेशकों के स्थानीय चैंबर के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में कच्चे माल के आयात के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) खोलने में असफलता के कारण कोरियाई कंपनियों को सेल में लाखों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कराची बंदरगाह में फंसे कई कंपनियों के कंटेनर्स
बंदरगाह पर कंटेनरों के जल्द से जल्द भुगतान को लेकर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर ने एक जनवरी को सख्त निर्देश दिया था। उसके बावजूद, दक्षिण कोरियाई कंपनियों को अभी भी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि वर्तमान में कोरिया सहित कई देशों के हजारों कंटेनर कराची बंदरगाह पर फंसे हुए हैं।
डॉलर की भारी कमी से जूझ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तानी सरकार डॉलर की भारी कमी के कारण विदेशी कंपनियों को आयात की मंजूरी नहीं दे रही है, जिससे कंटेनरों के लिए भुगतान करना असंभव हो गया है। पाकिस्तान में वर्तमान में डॉलर की भारी कमी है, जिसके कारण अधिकांश आयात श्रेणियों पर आधिकारिक प्रतिबंध लगा दिया गया है। आईएमएफ के साथ देश का 7 अरब डॉलर का ऋण कार्यक्रम अनिश्चित बना हुआ है, उधर केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर तक गिर गया है।
किआ, हुंडई, लोटे और सैमसंग सहित कम से कम 25 प्रमुख कोरियाई कंपनियां पाकिस्तान में काम करती हैं। ये कंपनियां कई प्रकार के उद्योगों में शामिल हैं जैसे समुद्री खाद्य निर्यात और बिजली उत्पादन। ऐसे में अगर पाकिस्तान में दक्षिण कोरियाई कंपनियों का कारोबार बंद होता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो जाएगी।
कोरिया पर निर्भर है पाकिस्तान का कारोबार
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में कोरिया से पाकिस्तान का आयात 1.5 बिलियन डॉलर था, जो 2020 से 41.8% अधिक था। दक्षिण कोरिया की ओर से पाकिस्तान को निर्यात किए जाने वाले मुख्य उत्पाद कार ( 269 मिलियन), रिफाइंड पेट्रोलियम ( 72.1 मिलियन), लोहा (68.4 मिलियन)। और हॉट-रोल्ड हैं। पाकिस्तान कोरियाई कंपनियों के लिए एक बढ़ता हुआ आयात बाजार है, एक साल से अधिक समय से पाकिस्तान में काम कर रही कोरियाई कंपनियों ने मुश्किल से कोई मुनाफा कमाया है।