September 23, 2024

‘मौत के मुंह में फेंक देंगें’, NATO में शामिल होने पर स्वीडन को सबसे बड़ी धमकी, फिनलैंड को भी रूस ने धमकाया

0

 नई दिल्ली
 नाटो में शामिल होने को लेकर रूसी तरफ से स्वीडन को अभी तक की सबसे बड़ी धमकी दी गई है और रूस ने कहा है, कि अगर स्वीडन नाटो में शामिल होने का फैसला करता है, तो उसे "मौत के मुंह में भेज दिया जाएगा।" नाटो में शामिल होने की कोशिश करने वाले नार्डिक राष्ट्रों को रूस की तरफ से भेजी गई ये सबसे बड़ी धमकी है। हालांकि, स्वीडन की नाटो में शामिल होने की कोशिश पर तुर्की टांग अड़ा चुका है, लेकिन फिनलैंड अगले कुछ महीनों में नाटो का सदस्य बन सकता है, लिहाजा रूस ने फिनलैंड को भी गंभीर चेतावनी जारी की है।

स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में रूस के राजदूत ने नाटो में शामिल होने पर स्वीडन के लोगों को 'मौत के मुंह में भेजा जाएगा' की कड़ी चेतावनी दी है। स्टॉकहोम में रूसी राजदूत विक्टर तातारिन्त्सेव ने अपने दूतावास की वेबसाइट पर एक बयान में दावा किया है, कि अगर स्वीडन और पड़ोसी देश फिनलैंड, अंतरराष्ट्रीय सैन्य गठबंधन नाटो में शामिल होते हैं, तो उन्हें 'जवाबी कार्रवाई' का सामना करना पड़ेगा, जिसमें 'सैन्य कार्रवाई' भी शामिल हैं। वहीं, रूसी राजदूत के बयान के बाद स्वीडन ने उन्हें समन भेजा है और उनके इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें उन्होंने ये भी कहा है, कि नाटो में शामिल होने के बाद स्वीडन और फिनलैंड दोनों 'वैध लक्ष्य' बनया जाएगा। आपको बता दें, कि दोनों नॉर्डिक देशों ने पिछले साल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के फौरन बाद, नाटो की सदस्यता मांगी थी। दोनों देशों की सरकारें इस साल इस प्रक्रिया को पूरा करने की उम्मीद कर रही हैं।

रूस ने पिछले साल भी स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल होने को लेकर धमकी दी थी। लेकिन, इस बार रूस की धमकी में 'मौत के मुंह में भेज देंगे' वाक्य शामिल है, जो स्पष्ट तौर पर युद्ध की धमकी मानी जा रही है। माना जा रहा है, कि रूस ने स्वीडन और फिनलैंड को जो धमकी दी है, वो पश्चिमी देशों पर प्रेशर बनाने की एक और कोशिश है और क्रेमलिन प्रमुख परमाणु मिसाइल अभ्यास भी कर रहा है। लिहाजा, इस बात से दो राय नहीं है, कि दुनिया तेजी से विनाशक युद्ध की तरफ बढ़ रही है। अगर रूस ने अब स्वीडन और फिनलैंड पर हमला किया, तो इसमें शक नहीं है, कि ये युद्ध पूरी दुनिया में फैल सकता है। स्टॉकहोम में रूसी राजदूत ने कहा है, कि स्वीडन का नाटो में शामिल होने का निर्णय 'जल्दबाजी' में था और इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनमत संग्रह के बिना आगे बढ़ने के लिए रूस ने स्वीडन की आलोचना भी की है। रूसी राजदूत ने कहा, कि स्वीडन नाटो की सदस्यता हासिल करके 'अस्थिरता की तरफ एक कदम' बढ़ा रहा है और उन्होंने ये भी कहा, "निश्चित तौर पर दूसरे के हितों को पूरा करने के चक्कर में स्वीडन को मौत के मुंह में भेज दिया जाएगा।"
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *