September 23, 2024

CG की पहली महिला नौसेना अग्निवीर बनी हिशा बघेल

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रायपुर
आईएनएस चिल्का पर  भारतीय नौसेना के अग्निवीरों का पहले बैच ने पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया. कुल मिलाकर 2,585 अग्निवीर इस पासिंग आउट परेड में शामिल हुए. नौसेना अग्निवीर की पासिंग आउट पाउड परेड की खासियत ये रही कि पहली बार 273 महिलाएं भी अग्निवीर के तौर पर Indian Navy में शामिल हुईं. इन्हीं महिला अग्निवीरों में 19 वर्षीय हिशा बघेल भी शामिल थीं, जिनके लिए पासिंग आउट परेड सुख और दुख दोनों को लेकर आया.

दरअसल, हिशा ने जब INS Chilka पर महिला अग्निवीरों के पहले बैच के तौर पर अपनी पासिंग आउट परेड में मार्च किया, तो वे इस बात से बेखबर थीं कि नौसेना में भर्ती के लिए प्रेरित करने वाले उनके पिता अब दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. हिशा इस दुख से बेखबर अपनी ट्रेनिंग पूरी करती रहीं. दरअसल, उनके परिवार ने उन्हें पिता की मौत के बारे में इसलिए नहीं बताया, क्योंकि उनका मानना था कि इससे ट्रेनिंग पर असर पड़ेगा.

छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हैं हिशा

हिशा बघेल छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हैं. वह उस 2600 के करीब अग्निवीरों के बैच का हिस्सा हैं, जिसने ओडिशा में 28 मार्च को आईएनएस चिल्का पर अपनी शुरुआती ट्रेनिंग पूरी की. ये बैच अब भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है. हिशा का परिवार दुर्ग शहर से 15 किलोमीटर दूर बोरीगर्का गांव में रहता है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से उनका गांव 50 किलोमीटर दूर है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अब तक हिशा को मालूम नहीं है कि उन्हें प्रेरित करने वाले पिता दुनिया से विदाई ले चुके हैं.

बीमार होने पर बेचा ऑटो

हिशा की बड़े भाई कोमल बघेल ने बताया, ‘वह अप्रैल के दूसरे हफ्ते में घर आ रही हैं. हमने अभी तक उन्हें पिता की मौत के बारे में नहीं बताया है. हम नहीं चाहते थे कि इससे उसे राह पर चलने में परेशान हो, जिस पर चलने के लिए पिता और हिशा दोनों ने एक साथ सपना देखा था.’

दरअसल, 3 मार्च 2023 को हिशा के पिता संतोष बघेल की कैंसर के चलते मौत हो गई. इस दौरान हिशा अपने ट्रेनिंग के आखिरी स्टेज में थीं. उनके परिवार ने उनसे इस दुखद समाचार को छिपाने का फैसला किया ताकि वह अपना सपना पूरा कर पाएं. संतोष बघेल आटोरिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा चलाया करते थे. मगर 2016 में कैंसर होने के बाद उन्हें अपना रिक्शा बेचना पड़ा. संतोष जब तक जिंदा थे, उन्होंने हिशा को नौसेना में भर्ती के लिए प्रेरित किया.

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