नीतीश कुमार के 10% वोट में भाजपा लगा रही सेंध, कैसे टूटेगा लव-कुश समीकरण
नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सियासी जंग तेज कर दी है। खबर है कि पार्टी कुमार के वोट बैंक पर सेंध लगाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का काम संभालने वाले सुनील ओझा को भी बिहार की ओर भेजा है।
बीजेपी का ओबीसी गेम
बिहार में भाजपा कुमार के लव-कुश वोट बैंक पर चोट देने की प्लानिंग कर रही है। इनमें भी पार्टी का खास फोकस कुशवाह वोट बेस पर है। दरअसल, लव-कुश कुर्मी और कोइरी जातियों से बना है, जो राज्य की आबादी में करीब 10 फीसदी की हिस्सेदारी करती हैं। अब कुर्मी समुदाय से आने वाले सीएम कुमार ने इनका चुनावी समर्थन हासिल कर लिया था।
ऐसे हो रही प्लानिंग
भाजपा सासाराम में 2 अप्रैल को सम्राट अशोक का जन्मदिन मनाने की तैयारी कर रही है। कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल होने वाले हैं। राज्य में कुशवाह समुदाय सम्राट अशोक को अपने पूर्वज की तरह मानता है। बिहार भाजपा के प्रमुख सम्राट चौधरी का कहना है कि जिस लव-कुश गठबंधन के साथ कुमार ने बंधुआ मजदूर की तरह बर्ताव किया, वह भाजपा के साथ जाने जाएंगे।
पीएम मोदी के सिपाही मैदान में उतरे
पार्टी ने हाल ही में चौधरी को बिहार इकाई का प्रमुख नियुक्त किया है। वह कुशवाह समुदाय से आते हैं। इसके अलावा पार्टी ने ओझा को बिहार का सह प्रभारी बनाया है। कहा जाता है कि वह पीएम मोदी के साथ मिलकर काम करते हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी का काम संभाल रहे थे। उनके अलावा राज्य में भाजपा की ओर से भीखूभाई डलसानिया की मौजूदगी भी होगी, जो भाजपा की बिहार इकाई के संगठन सचिव हैं।
ओझा के अलावा भीखूभाई भी गुजरात से आते हैं और कई सालों तक मोदी के साथ काम कर चुके हैं। इसमें मुख्यमंत्री के तौर पर उनका गुजरात कार्यकाल भी शामिल है।