बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसा : सात दिनों में अवैध निर्माण तोड़े, नहीं तो कोर्ट जाएंगे- कमल नाथ
इंदौर
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजन से मिलने पहुंचे। सुबह 9 बजे वे एप्पल अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने अस्पताल में भर्ती हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके परिजन से बातचीत की।
उन्होंने घटनास्थल पर हुए हादसे के बारे में लोगों से पूछा। इसके बाद वे अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। सपना संगीता पर मौजूद घटनास्थल पर उनके साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।आसपास के रहवासियों ने उन्हें यहां पर लंबे समय से हो रही लापरवाही के बारे में जानकारी दी।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा
स्थानीय रहवासियों ने अवैध निर्माण की शिकायत की है। सात दिनों में अवैध निर्माण तोड़ा जाए वरना अवैध निर्माण और दोषियों के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। यह हादसा अवैध निर्माण का ही परिणाम है।
शिवराज सिंह केवल इवेंट मैनेजमेंट करते हैं- कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यहां पर कहा कि स्थानीय रहवासियों ने अवैध निर्माण की शिकायत की है। सात दिनों में इसे नहीं तोड़ा गया तो हम दोषियों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। यह हादसा अवैध निर्माण का ही परिणाम है। कमलनाथ ने रेस्क्यू ऑपरेशन की गति पर भी सवाल उठाए।
कहा, हमारी सरकार आएगी तो हर जिले में रेपिड रेस्क्यू फोर्स का गठन किया जाएगा, जो 15 मिनिट में मौके पर पहुंचेगी। आर्मी की टीम 12 घंटे बाद पहुंची, तब तक कोई प्रबंध नहीं था और इसे हम स्मार्ट सिटी कहते हैं। यह शर्म की बात है।
लोगों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमसे बात नहीं की, हमारी सुनी भी नहीं। शिवराज सिंह केवल इवेंट मैनेजमेंट करते हैं और मीडिया के सामने मुआवजे से सब कुछ साफ करते हैं। रहवासियों ने कमलनाथ को यह भी बताया कि इस पूरे मामले में स्थानीय नेताओं और अधिकारियों ने किस तरह से दबाव बनाया और लगातार गलतियां की। रहवासी मंदिर का अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे थे लेकिन कहीं पर भी सुनवाई नहीं हो रही थी।
रहवासियों का दर्द फूटा
कमलनाथ से रहवासियों ने कहा कि मुख्यमंत्री यहां पर आए तो हमसे बात तक नहीं की। अभी तक न तो अतिक्रमण हटा है न ही किसी बड़े अधिकारी पर कोई एक्शन लिया गया है। वे बस मुआवजा देकर हर मामला खत्म करना चाहते हैं।
कमलनाथ ने रेस्क्यू ऑपरेशन की गति पर भी उठाए सवाल। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आएगी, तो हर जिले में रेपिड रेस्क्यू फोर्स का गठन किया जाएगा, जो 15 मिनट में मौके पर पहुंचेगी। सेना की टीम घटनास्थल पर 12 घंटे बाद पहुंची। तब तक कोई प्रबंध नहीं और इसे हम स्मार्ट सिटी कहते है। यह शर्म को बात है। लोगों ने बताया कि शिवराज जी ने हमसे बात नहीं की, हमारी सुनी भी नहीं। शिवराज जी केवल इवेंट और मीडिया के सामने दो बातें करते हैं। मुआवजे से सब कुछ साफ करते हैं।
क्षेत्रीय रहवासी कमलनाथ जी से बोले, जब भी मंदिर की घंटी बजेगी, मृतकों के परिजनों को दुख पहुंचेगा। रहवासियों ने स्थानीय नेताओं के दबाव और प्रभाव के खिलाफ भी कमलनाथ जी के सामने अपनी बात रखी।सांसद शंकर लालवानी को लेकर आज भी गुस्सा देखा गया। अवैध निर्माण को बचाने में किया हस्तक्षेप।
कमल नाथ के सामने नगर निगम और प्रशासन के खिलाफ फिर निकला पीड़ित परिवारों और समाज जन का गुस्सा। पर्याप्त नहीं थे बचाव के इंतजाम। कमलनाथ से नहीं मिलने और अपनी बात नहीं रख सकने को लेकर लोग नाराज। धर्मशाला में लोगों से मिलने का कार्यक्रम था, लेकिन दो-तीन घर में मिलकर ही निकल गए कमल नाथ। लोगों में नाराजगी, बाकलीवाल ओर अन्य नेताओं के जमघट से भी लोग नाराज।
केंद्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे में दिवंगतों के परिवारजनों से मिलने सिंधी कॉलोनी, खत्री परिवार एवं पटेल नगर में केसु भाई पटेल के निवास पर मिलने कुछ ही देर में पहुंचेंगे।
बता दें कि रामनवमी पर स्नेह नगर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में बनी बावड़ी की छत धंसने के कारण 30 से ज्यादा लोग बावड़ी में गिर गए थे। पहले दिन रेस्क्यू कर 18 लोगों की जान बचाई गई थी। लेकिन 36 लोगों की हादसे में मौत हो गई थी। सेना, एनडीआरएफ और नगर निगम ने करीब 26 घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन चलाया था। हालांकि पहली सूचना के करीब डेढ़ घंटे के बाद हादसों के हताहतों को मदद मिली थी। सेना को करीब 12 घंटे के बाद रेस्क्यू के लिए बुलाया गया था।