कुदरत का प्रकोप घर के छत पर गिरी गाज
देवरी(मजरा)
पंचायत के हड़हा ग्राम से सामने आ रही है। जहां 09 तारीख की आधी रात दरमियान घर की छत पर उस वक़्त गाज (आकाशीय बिजली) गिरि है। जब सपरिवार लोग घर मे सो रहे थे। हालांकि किसी जनहानि की खबर सामने नही आई है।
जी हां मामला हड़हा का है , मौसम खराब होने से जहां चारो ओर बिजली कड़क कर तेज बारिश हो रही थी। देर रात होने की वजह से पूरा गांव नींद की आगोश में था। तभी अचानक तकरीबन 1 बजे आधी रात में गांव के खेलवनदास कोरी के घर मे तेज गड़गड़ाहट के साथ कान के पर्दे फाड़ देने वाली तेज आवाज हुई। जिससे घर मे सो रहे सभी लोगों की नींद अचानक टूट गई। आसपड़ोस के लोग भी जाग गए। जब तक कुछ समझ आता छत से कंक्रीट के टुकड़े जमीन पर पड़े थे। छत में गहरा गढ्ढा बन गया था।
जब सभी लोग रात में ही छत पर पहुचे तो उन्हें आंखों पर भरोसा नही था। क्योंकि उनके घर की छत पर कोई बम नही फूटा था, बल्कि प्राकृतिक आपदा के रूप में आकाशीय बिजली ने कहर बरपाया था। ये पहली बार हुआ जब घर की छत पर आकाशीय बिजली गिरी हो , पर गनीमत रही कि घर मे सो रहे सभी लोग शुरक्षित बच गए।
चिंतित गांव के बुजुर्ग
गांव के बुजुर्गों की माने तो गाज पेड़ पौधों और जंगलो में गिरती है सजीव पेड़ बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते है। पर अभी तक घरों में कभी भी गाज नही गिरी, पूरा गांव दहशत में है कि अब तो घर भी शुरक्षित नही रहे , तो कहां रहेंगे लोग शुरक्षित?
अच्छी बात तो ये रही कि बिजली जहां गिरी थी उस छत के ऊपर भी सीढ़ियो के लिए दूसरी छत बनाई गई थी और उसके ऊपर पानी की बड़ी टंकी रखकर चारो ओर से पक्की ईंटो से कवर किया गया था।
पर बिजली गिरने के बाद टंकी टुकड़ो में बिखर गई और किनारे पर लगी इंटें छत से नीचे जा गिरेछत में भी गहरा गड्ढा बन गया है,,
जो सीढ़ियो पर खड़े होकर देखा जा सकता है।