November 25, 2024

हथियार बाजार में बढ़ा भारत का दबदबा, 85 देशों को रिकॉर्ड स्तर पर रक्षा निर्यात

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नईदिल्ली

भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 15,920 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को लेकर शनिवार को रक्षा मंत्रालय को बधाई दी। पीएम मोदी कहा कि डिफेंस एक्सपोर्ट का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना दर्शाता है कि पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में किए गए सुधार अच्छे नतीजे दे रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार भारत को रक्षा उत्पादन केंद्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगी।

पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट पर यह प्रतिक्रिया दी। प्रधानमंत्री ने लिखा, 'शानदार! यह स्पष्ट रूप से भारत की प्रतिभा और 'मेक इन इंडिया' के प्रति उत्साह को दर्शाता है। इससे यह भी पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में किए गए सुधार अच्छे परिणाम दे रहे हैं। हमारी सरकार भारत को एक रक्षा उत्पादन केंद्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगी।'

2021-22 में रक्षा निर्यात 12,814 करोड़ रुपये रहा
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि देश का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 15,920 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक सर्वाधिक है। उन्होंने इस वृद्धि को उल्लेखनीय उपलब्धि करार दिया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में देश का रक्षा निर्यात 12,814 करोड़ रुपये था। सिंह ने ट्विटर पर कहा, 'भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 15,920 करोड़ रुपये के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया। यह देश के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि है।'

साल-दर-साल बढ़ता गया डिफेंस एक्सपोर्ट
राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के प्रेरणादायक नेतृत्व में हमारा रक्षा निर्यात तेजी से बढ़ता रहेगा। सिंह की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, भारत ने 2020-21 में 8,434 करोड़ रुपये, 2019-20 में 9,115 करोड़ रुपये और 2018-19 में 10,745 करोड़ रुपये के सैन्य हार्डवेयर का निर्यात किया था। 2017-18 में देश का कुल रक्षा निर्यात 4,682 करोड़ रुपये और 2016-17 में 1,521 करोड़ रुपये का था। केंद्र सरकार ने 2024-25 तक 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा हार्डवेयर के उत्पादन के साथ ही रक्षा निर्यात को 35,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है।

भारत करीब 85 देशों को कर रहा सप्लाई
पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत फिलहाल करीब 85 देशों को मिसाइलों, एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर (ALH), अपतटीय गश्ती जहाजों, निजी सुरक्षा गियर, सर्विलांस सिस्टम और विभिन्न प्रकार के रडार सहित सैन्य हार्डवेयर का निर्यात कर रहा है। निर्यात क्षमता वाले हथियारों और सिस्टम्स में हल्के लड़ाकू विमान तेजस, विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर, आर्टिलरी गन, एस्ट्रा बियॉन्ड-विजुअल-रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम, टैंक और रडार शामिल हैं।

मिस्र, अर्जेंटीना और फिलीपींस के साथ नए करार
भारत LCA तेजस की बिक्री को लेकर मिस्र और अर्जेंटीना के साथ बातचीत कर रहा है। देश का फोकस विदेशी बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर है। मिस्र को 20 विमानों और अर्जेंटीना को 15 नए लड़ाकू विमानों का निर्यात हो सकता है। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी फिलीपींस को एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर (ALH) निर्यात करने पर विचार कर रही है। पिछले साल ब्रह्मोस एयरोस्पेस और फिलीपींस के बीच बड़ा करार हुआ था। फिलीपीन मरीन के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की तीन बैटरी की खरीद के लिए लगभग 375 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किया गया। साथ ही कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड ने 155 मिमी आर्टिलरी गन की सप्लाई के लिए 155.5 मिलियन डॉलर का निर्यात ऑर्डर लिया।

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