नवजोत सिंह सिद्धू से पूछा गया अमृतपाल सिंह को लेकर सवाल
पंजाब
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को पटियाला केंद्रीय कारागार से बाहर आए। इस दौरान पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख से 'वारिस पंजाब दे' के चीफ अमृतपाल सिंह के बारे में सवाल किया गया, जो कि 18 मार्च से फरार चल रहा है। सिद्धू ने इस पर कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया मगर कहा, 'मैं सिद्धू मूसेवाला के घर जाऊंगा। वहां पर मैं पंजाब की कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में बातचीत करूंगा।' मालूम हो कि पिछले साल 29 मई को गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी।
वर्ष 1988 के रोड रेज मौत के मामले में करीब 10 महीने जेल में बिताने वाले सिद्धू आज रिहा हुए। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धू को 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत के मामले में मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। सिद्धू के वकील ने कहा था कि जेल में उनके अच्छे आचरण के कारण उन्हें समय से पहले रिहा किया जा रहा है।
'विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास'
सिद्धू ने सुबह से जेल के बाहर प्रतीक्षा कर रहे पत्रकारों से कहा, 'देश में जब भी तानाशाही आई तब एक क्रांति आई और आज मैं कहता हूं कि क्रांति का नाम राहुल गांधी है। बहस और असहमति इस लोकतंत्र का सार है, लेकिन विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।' सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस दमन के खिलाफ लड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया, 'आज लोकतंत्र बेड़ियों में जकड़ा हुआ है, आज लोकतंत्र जैसा कुछ भी नहीं है।' उन्होंने दावा किया कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है।
'ढाल को तोड़ने की हो रही कोशिश'
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब इस देश की ढाल है, इस ढाल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश चल रही है। उन्होंने देश में अल्पसंख्यक समुदाय सिखों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, 'पंजाब में अल्पसंख्यकों का शासन है। जहां भी अल्पसंख्यक बहुसंख्यक होते हैं… केंद्र सरकार (उसके खिलाफ) साजिश रचने लग जाती है।' सिद्धू ने आरोप लगाया कि पहले कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा की जाती है। उसके बाद इसे नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है और फिर वे कहते हैं, हम शांति लाए हैं।