हाइवे से 220 मीटर दूर खुल सकेंगी शराब दुकानें लेकिन सड़क किनारे बोर्ड नहीं लगेंगे
भोपाल
प्रदेश में एक अप्रैल से लागू नई आबकारी नीति में नेशनल और स्टेट हाइवे में शराब दुकानें खोले जाने को लेकर नए नियम जारी कर दिए गए हैं। नए नियमों के अनुसार शहरों में अगर शराब दुकान खुलने के बाद कोई धार्मिक स्थल या स्कूल, कालेज 100 मीटर के दायरे में आ जाएगा तो ऐसे मामले में शराब दुकान को हटाया नहीं जाएगा। वहीं स्टेट और नेशनल हाइवे में अब 220 मीटर दूरी तक शराब दुकानें खोली जा सकेंगी लेकिन इन हाइवे से शराब दुकानें न तो दिखनी चाहिए और न ही उसके बोर्ड लगाए जा सकेंगे।
वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी नए संशोधन नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अब प्रदेश के जिन इलाकों की आबादी 20 हजार से कम है, वहां मदिरा बिक्री की कोई दुकान नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे या उसके सर्विस लेन के बाहरी किनारे से 220 मीटर से कम दूरी पर नहीं खोली जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि इन मार्गों पर शराब की उपलब्धता बताने वाले कोई साइन बोर्ड या विज्ञापन भी नहीं लगाया जा सकेगा। नियमों के अनुसार शराब दुकान नेशनल और स्टेट हाइवे से सीध पहुंच योग्य नहीं होगी। इसी तरह बीस हजार से अधिक आबादी वाले शहरों या गांवों में नेशनल हाईवे और स्टेट हाइवे के सर्विस लेन से 500 मीटर से कम दूरी पर शराब दुकान नहीं खुल सकेगी। यह नियम नगरीय निकाय की परिसीमा में मौजूद किसी नेशनल हाइवे या स्टेट हाइवे की दुकानों पर लागू नहीं होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि धार्मिक स्थल और स्कूल, छात्रावास से 100 मीटर की दूरी तक शराब की कोई दुकान नहीं होगी। विभाग ने देसी मदिरा के प्रति प्रूफ लीटर आबकारी शुल्क भी तय कर दिए है। साथ ही लाइसेंस फीस का निर्धारण भी कर दिया है।
हेरिटेज मदिरा सात साल शहद से बनी वाइन तीन साल टैक्स फ्री
विभाग ने शहद से बनी वाइन को प्रदेश में 31 मार्च 2026 तक के लिए आबकारी शुल्क से मुक्त घोषित कर दिया है। इसी तरह हेरिटेज मदिरा को भी 22 फरवरी 2023 से सात साल तक के लिए आबकारी शुल्क और निर्यात फीस से मुक्त कर दिया गया है।
डिस्टलरीज शुल्क में भी हुई वृद्धि
नए नियमों में आसवनी के लिए तय शुल्क सीमा में भी वृद्धि की गई है। मध्यप्रदेश आसवनी नियम 1995 में किए गए संशोधन के अनुसार अब 3 करोड़ बल्क लीटर प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता तक 20 लाख, 3 से 6 करोड़ बल्क लीटर उत्पादन क्षमता तक 30 लाख और छह करोड़ बल्क लीटर से अधिक उत्पादन क्षमता के मामले में 40 लाख रुपए शुल्क लिया जाएगा। आसवनी के लिए पहले 18 लाख रुपए तक लाइसेंस फीस वसूलने का प्रावधान था, जिसे अब बदल दिया गया है। विभाग द्वारा किए गए एक अन्य बदलाव में कहा गया है कि मध्यप्रदेश बीयर एवं वाइन नियमों के अधीन जारी वार्षिक लाइसेंस फीस अब पांच लाख हेक्टोलीटर उत्पादन क्षमता के लिए बीस लाख रुपए, 5 से 10 लाख हेक्टोलीटर क्षमता के लिए तीस लाख और 10 लाख हेक्टो लीटर से अधिक क्षमता वाली यूनिट के लिए 40 लाख रुपए सालाना होगी।
खजुराहो एयरपोर्ट में नहीं खुल सकेगी शराब दुकान
एक अन्य नोटिफिकेशन में कहा गया है कि प्रदेश में संचालित बीयर निर्माण इकाई को उसकी अप्रयुक्त क्षमता के लिए किसी भी रजिस्टर्ड कम्पनी को पट्टे पर दिया जा सकेगा जिसका कारोबार राज्य शासन द्वारा अधिसूचित सीमा से अधिक है। यह नोटिफिकेशन एक अप्रेल 2022 से लागू हुआ माना जाएगा। विभाग ने विदेशी मदिरा नियम 1996 में संशोधन करते हुए नियम 8 के उपनियम 1 के खंड कक-10 में शब्द और खजुराहो को विलोपित कर दिया गया है। इसके बाद अब खजुराहो एयरपोर्ट में शराब दुकान नहीं खुल सकेगी। नए नियमों में लाइसेंस धारकों को दूसरे राज्यों से शराब आयात करने और भंडारण की भी छूट रहेगी।