November 25, 2024

ब्रिटिश पाकिस्तानियों का ग्रुप बाल यौन शोषण में सबसे आगे: सुएला ब्रेवरमैन

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लंदन

ब्रिटेन में युवा लड़कियों का शोषण करने वाले गिरोहों की कई रिपोर्टों के बाद गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने बाल यौन शोषण को समाप्त करने से जुड़े नए प्लान का खुलासा किया। नए कानून को लेकर उन्होंने ऐसे अपराधों में शामिल ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुषों के गिरोहों को लेकर चुप्पी साधने की संस्कृति के बारे में भी बात की। भारतीय मूल की मंत्री ने इस दौरान बिना किसी लीपापोती के सीधे ब्रिटिश पाकिस्तानी अपराधियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों में ज्यादातर ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुष होते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश पाकिस्तानियों का गैंग है जो ड्रग्स देता है और रेप करता है।

उन्होंने कहा कि पॉलिटिकल करेक्टनेस अधिकारियों को कार्य करने से रोकती है। सरकार का कहना है कि अनिवार्य रिपोर्टिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। बाल शोषण पर चुप्पी साधने वालों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी। होम ऑफिस का मानना है कि युवा लड़कियों की देखभाल करने वाले प्रोफेशनल नस्लवादी और कट्टर कहे जाने के डर से और पॉलिटिकल करेक्टनेस के चलते दुर्व्यवहार पर आंखें मूंद लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस डर के परिणामस्वरूप हजारों बच्चों का बचपन तबाह हो गया और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।

अपराधों में पाकिस्तानी शामिल
सुएला ब्रेवरमैन ने इन प्रोफेशन के बारे में बताया, जिनमें अध्यापक, पुलिस और राज्य एजेंसियों के लोग भी शामिल हैं। हालांकि नया नियम लाने से जुड़ा कदम पिछले साल बाल यौन शोषण से जुड़ी एक स्वतंत्र जांच की सिफारिश के बाद उठाया गया है। BBC से बातचीत करते हुए सुएला ने कहा, 'इस तरह के अपराधियों में ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुषों का समूह है, जो ब्रिटिश मूल्यों के साथ पूरी तरह से असंगत सांस्कृतिक दृष्टिकोण रखते हैं।'

चुप्पी नहीं चलेगी
सुएला ने कहा, 'उनकी गतिविधियां एक खुला रहस्य है, इसके बावजूद उन्हें अपने समुदाय और समाज दोनों में ही चुनौती नहीं दी गई है। जानबूझ कर आंख मूंद लेना, कार्रवाई में विफलता और चुप्पी ने इस दुर्व्यवहार को सक्षम बना दिया है।' उन्होंने कहा कि ये लोग लड़कियों को ड्रग्स देकर उनका शोषण करते हैं। सुएला पहले भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रही हैं। लिज ट्रस कैबिनेट में भी वह मंत्री थीं, लेकिन गलत तरीके से ईमेल का इस्तेमाल करने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

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