November 25, 2024

न्यूक्लियर फिजिक्स के वयोवृद्ध प्राध्यापक पद्मश्री प्रो. सूद ने पत्रकारिता के विद्यार्थियों से किया संवाद

0

भिलाई

पिछले सप्ताह देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री सम्मान प्राप्त देश के वयोवृद्ध परमाणु वैज्ञानिक प्रो. प्रकाशचंद्र सूद (94) के साथ सेंट थॉमस महाविद्यालय पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से विद्यार्थियों के लिए एक संवाद का आयोजन किया गया। इस दौरान पत्रकारिता के विद्यार्थियों ने प्रो. सूद से विषय से संदर्भित व विभिन्न प्रश्न पूछे, जिस पर प्रो. सूद ने विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

कॉलेज के प्रबंधक डॉ. फादर जोशी वर्गीस और प्रिंसिपल डॉ. एम. जी. रोईमोन ने इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं दी। यह संवाद कार्यक्रम कॉलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के मीडिया मंच की ओर से प्रो. सूद के सूर्य विहार स्थित निवास में रखा गया। शुरूआत में विभाग प्रमुख डॉ. रीमा देवांगन ने कॉलेज परिवार की ओर से प्रो. सूद व श्रीमती ऊषा सूद को चंदन का पौधा भेंट किया और सम्मान स्वरूप शॉल प्रदान की।  सहायक प्राध्यापक मुहम्मद जाकिर हुसैन ने संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि विगत 70 साल से न्यूक्लियर फिजिक्स पढ़ा रहे और उम्र के 94 वर्ष पूरे करने के बावजूद प्रो. सूद आज भी पूरी तरह सक्रिय हैं और उन्हें भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने देश के वरिष्ठ एवं पूरी तरह सक्रिय परमाणु वैज्ञानिक का दर्जा दिया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रो. सूद ने पद्म सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर की। अपने करियर के संबंध में प्रो. सूद ने बताया कि देश की आजादी के पहले हमारे यहां भौतिकी या विज्ञान की दूसरी शाखाओं से संदर्भित किताबें तक दुर्लभ होती थी। ऐसे में उन्होंने जब अपनी पढ़ाई पूरी की तो संयोगवश अमेरिकी फैलोशिप के लिए आवेदन कर दिया और उस वक्त के उनके शिक्षकों ने भी मार्गदर्शन दिया। इस तरह वह विदेश में शिक्षा हासिल करने जा पाए। इस संवाद के दौरान प्रो. सूद ने पद्म सम्मान समारोह के संस्मरण भी सुनाए। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रत्येक पद्म सम्मान प्राप्तकर्ता से खुद आकर मिलने और हालचाल पूछने को अविस्मरणीय बताया। वहीं उन्होंने समारोह के दौरान राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति के परिजनों की सेवा भावना और विनम्र व्यवहार का खास तौर पर उल्लेख किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *