बोली ममता- ‘वाम’ और ‘राम’ ने हमारे खिलाफ हाथ मिला लिया है,
कोलकाता
पश्चिम बंगाल के खेजुरी में रैली करते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा. ममता बनर्जी ने कहा, 'वाम' (लेफ्ट) और 'राम' (भाजपा) ने हमारे खिलाफ हाथ मिला लिया है. ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं की ओर से दूसरी जगह जाकर हिंसा करने के संकेत मिल रहे थे. यह किस प्रकार का धर्म है? ये लोग हिन्दू धर्म को दूषित कर रहे हैं. मेरा मानना है कि वे न तो हिंदू हैं और न ही मुसलमान हैं, जो हथियार और बंदूकें लेकर चलते हैं और इंसानों को मारते हैं और घरों में आग लगाते हैं वे न हिंदू हैं और न ही मुसलमान. ये सिर्फ बीजेपी के गुंडे हैं.
उन्होंने कहा कि हिंसा पश्चिम बंगाल की संस्कृति नहीं है। दंगाइयों का कोई धर्म नहीं होता, वे केवल राजनीतिक गुंडे हैं। बंगाल सीएम ने कहा, "भाजपा राम नवमी पर हिंसा कर भगवान राम का नाम बदनाम कर रही है। वे एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा कर हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं। भाजपा ने कहा था कि अगर वह बिहार में सत्ता में आई तो वे दंगाइयों को उल्टा लटका देंगे, वे अपने गुंडों के साथ ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं।"
रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा पर उठाए सवाल
ममता बनर्जी ने साफ कहा, हम हिंसा नहीं करते. वे गुंडों को बाहर से लाए थे. यह एक आपराधिक हिंसा है. रामनवमी जुलूस के दौरान उन्होंने बंदूकें और गोला-बारूद फेंके. क्या भगवान राम ने उन्हें जुलूसों में गोला-बारूद लाने के लिए संदेश दिया है?
भाजपा नेताओं पर बोला हमला
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, मुझे हर वक्त अलर्ट रहना होता कि भाजपा कब कहां जाकर दंगा कर दे. ये लोग समझते नहीं हैं कि बंगाल के लोग इस तरह के दंगा पसंद नहीं करते. हम दंगा नहीं करते हैं, आम लोग दंगा नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, भाजपा दंगा करने की कोशिश में रहती है, लेकिन जब उनसे नहीं हो पाता है तो दंगा भड़काने के लिए वे किराए के लोगों को लेकर आते हैं.
'बिहार से आ रहे गुंडे'
उन्होंने कहा, भाजपा के लोग बिहार से गुंडे ला रहे हैं. ये राम के नाम को अपवित्र कर रहे हैं. ये गुंडे हावड़ा में बुलडोजर, ट्रैक्टर, बंदूकों के साथ दाखिल हुए. उनके पास पुलिस की कोई परमिशन नहीं थी. कई घर फूंक दिए गए. हावड़ा के बाद वे रिशरा गए.
रामनवमी पर हुई हिंसा से झुलस रहा बंगाल
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल और बिहार पिछले 6 दिनों से हिंसा की आग में झुलस रहे हैं. रामनवमी के दिन से शुरू हुई हिंसा और आगजनी का दौर इन दोनों राज्यों में अभी भी थमा नहीं है. बंगाल के रिशरा में आज फिर से हिंसक झड़पें हुई हैं. राज्यपाल सीवी आनंद बोस हुगली में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं.
हुगली जिले में अब भी माहौल खराब
हुगली के रिशरा में सोमवार देर रात भी कुछ लोगों ने रेलवे स्टेशन के गेट नंबर 4 के सामने पत्थरबाजी की. जिसके चलते रेलवे विभाग ने हावड़ा बर्धमान मेन लाइन पर ट्रेनों का संचालन रोक दिया है. इसके चलते हावड़ा स्टेशन पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सूचना मिलते ही मौके पर भारी पुलिस बल पहुंचा और स्थिति को काबू में किया है.
फिलहाल विवाद और हिंसा के उद्देश्य का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. रेलवे सूत्रों ने बताया कि ट्रेन की आवाजाही सामान्य करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं, लेकिन अभी कोई ट्रेन नहीं चल रही है. ये कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. पुलिस हिंसा करने वाले लोगों की तलाश में जुटी है.
ममता ने कहा, "मैं दंगाइयों को खुला नहीं घूमने दूंगी, कड़ी कार्रवाई का वादा करती हूं। 'दंगाबाज दूर हटो', हम मौजूद सभी संसाधनों के साथ उनका मुकाबला करेंगे।" उन्होंने कहा, "मुझे हर समय सतर्क रहना होगा, कहीं ऐसा न हो कि बीजेपी दंगे भड़काए। वे यह नहीं समझते कि बंगाल के लोग हिंसा पसंद नहीं करते। दंगा करना बंगाल की संस्कृति नहीं है। हम दंगा नहीं करते, आम जनता दंगे नहीं भड़काती।" खेजुरी जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि जब बीजेपी अपने दम पर ऐसा नहीं कर सकती है, तो वह लोगों को दंगा भड़काने के लिए नियुक्त करती है।
बनर्जी की यह टिप्पणी हुगली जिले के रिसड़ा और श्रीरामपुर में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान लोगों के दो समूहों के बीच झड़प के दो दिन बाद आई है। इन घटनाओं से पहले त्योहार के दिन 30 मार्च को हावड़ा के काज़ीपाड़ा में एक और झड़प हुई थी। इससे पहले सोमवार को ममता बनर्जी ने ''हिंदू भाइयों'' से अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का आह्वान करते हुए दावा किया कि बृहस्पतिवार को जब देश हनुमान जयंती मना रहा होगा तो राज्य में एक और दौर की हिंसा का षड्यंत्र है। बनर्जी ने यह भी दावा किया कि हिंसा भड़काने के लिए त्योहार खत्म होने के पांच दिन बाद भी हथियार और बम रखने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता अल्पसंख्यक क्षेत्रों में जानबूझकर रामनवमी की शोभायात्रा निकाल रहे हैं।