SC ने केंद्र को सैनिक विकलांगता पेंशन देने को कहा
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से शराब पर निर्भरता के कारण अनुशासनात्मक आधार पर सेवामुक्त किए गए एक सैनिक को विकलांगता पेंशन देने पर विचार करने को कहा।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया के साथ ही न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण लिया जाना चाहिए, खासकर ऐसे मामले में जहां एक सैनिक ने कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा की हो।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "हमें न्याय के मानवीय पक्ष को देखना होगा। यह एक ऐसा व्यक्ति हैं, जिन्होंने (अग्रिम) मोर्चे पर सेवा की है।"
पीठ ने कहा कि हालांकि पेंशन देने के खिलाफ एक मजबूत मामला होने की संभावना है, लेकिन फिर भी मामले में मानवीय दृष्टिकोण लिया जा सकता है और अगर कोर्ट अब उनकी पेंशन में दखल देता है तो इसका असर सैनिक के परिवार पर पड़ेगा।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान से कहा, "हम न्यायाधीश भी इंसान ही हैं। जब हम ताबूतों (शहीदों के) को ले जाते देखते हैं तो आप जानते हैं..।" इस पर दीवान ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि प्रतिवादी पेंशन का हकदार नहीं है, क्योंकि शराब पर निर्भरता सशस्त्र बलों में एक गंभीर अनुशासनात्मक मुद्दा है।
पीठ ने दीवान को संबंधित सैनिक के लिए अपवाद बनाने की कोशिश करने और परिवार के संबंध में व्यापक ²ष्टिकोण लागू करने को कहा। पीठ ने दीवान से कहा, "उन्होंने कारगिल में सेवा की.. उन्हें पेंशन मिली.. देखिए, उनका एक परिवार है। कभी-कभी आपको न्याय के मानवीय पक्ष को देखना पड़ता है। इस व्यक्ति के लिए एक छोटा सा अपवाद बनाएं।" दलीलें सुनने के बाद पीठ ने दीवान से निर्देश प्राप्त करने को कहते हुए मामले को स्थगित कर दिया।
सुनवाई के दौरान, पीठ ने उस उदाहरण की ओर इशारा किया, जहां पिछले हफ्ते राजस्थान के बाड़मेर जिले में मिग-21 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के दो पायलट मारे गए थे।
बाड़मेर में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान दुर्घटना में विंग कमांडर मोहित राणा (39) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल (26) की जान चली गई थी।
शीर्ष अदालत सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शराब पर निर्भरता के कारण अनुशासनात्मक आधार पर सेवा से छुट्टी दे दिए गए नागिंदर सिंह को विकलांगता पेंशन दी गई थी।