September 25, 2024

CPGRAMS प्रोग्राम में शिकायत निवारण में MP फिसड्डी, पेंडेंसी टॉप टेन राज्यों में

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भोपाल

मध्यप्रदेश के लोगों द्वारा प्रदेश के विभिन्न विभागों से संबंधित करीब आठ हजार शिकायतें हर माह केंद्र सरकार के पास पहुंच रही हैं। इन शिकायतों के निराकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सीपीजीआरएएमएस (सेंट्रलाइज पब्लिक ग्रीविएंस रिडेस एंड मानीटरिंग सिस्टम ) व्यवस्था के माध्यम से राज्य शासन के जरिये निराकरण कराया जाता है। केंद्र व राज्य सरकार की निराकरण में तेजी लाने की कोशिश के बाद भी शिकायतों के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। मध्यप्रदेश देश में ऐसे मामलों में निराकरण के बाद पेंडेंसी में टॉप टेन राज्यों में बना हुआ है।

मार्च माह में सीपीजीआरएएमएस में हुई कम्प्लेन और निराकरण की रिपोर्ट बताती है कि इस माह 8409 शिकायतें पेंडिंग रह गई हैं जिसका निराकरण नहीं हो सका है। इस माह 8982 शिकायतों को निराकृत भी किया गया। इस बीच एक माह से अधिक समय तक निराकरण न होने वाली कम्प्लेन की संख्या 6274 तक पहुंची है। अकेले मार्च माह में 9096 शिकायतें सीपीजीआरएएमएस पर दर्ज कराई गई हैं और पुरानी शिकायतों समेत यह आंकड़ा 17391 तक पहुंच गया था।

इसके पहले फरवरी माह में एमपी की पेंडिंग कम्प्लेन का आंकड़ा 8732 था और एमपी शिकायतों के मामले में देश में नवें स्थान पर था। फरवरी माह में 5967 शिकायतों के निराकरण की स्थिति थी लेकिन इस महीने भी एक माह से अधिक अवधि के पेंडिंग मामले 6029 थे, यानी मार्च में एक माह से अधिक के पेंडिंग मामले घटने की बजाय बढ़ गई हैं। इस माह कुल शिकायतों की संख्या 14699 रही। शिकायतों की निराकरण रिपोर्ट बताती है कि जनवरी में एमपी कम्प्लेन के निराकरण के मामले में सातवें स्थान पर था। तब 8144 कम्प्लेन पेंडिंग थीं और एक हजार से अधिक पेंडिंग शिकायत वाले राज्यों में एमपी की शिकायतों का आंकड़ा 5709 था।

क्या है सीपीजीआरएएमएस
केंद्र सरकार द्वारा राज्यों से संबंधित शिकायतों के रजिस्ट्रेशन और निराकरण के लिए एक पोर्टल सीपीजीआरएएमएस के नाम पर बनाया गया है। इस पोर्टल में विभिन्न विभागों से संबंधित कम्प्लेन दर्ज की जाती है जिसका संधारण केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की विंग द्वारा किया जाता है। इसमें दर्ज होने वाली शिकायतों को निराकरण के लिए राज्यों को भेजा जाता है और राज्य सरकार इसका निराकरण कर केंद्र को रिपोर्ट देती है। इसके आधार पर राज्यों की रैंकिंग तय की जाती है। इसके लिए सीएम सचिवालय और लोक सेवा प्रबंधन विभाग हर माह विभागों और कलेक्टरों को भी कम्प्लेन भेजकर निराकरण की कार्यवाही पूरी कराता है।

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