September 25, 2024

लद्दाख हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी – कोई भी आत्मसम्मान रखने वाली महिला रेप की झूठी कहानी नहीं गढ़ सकती

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 लद्दाख
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसक एवं यौन अपराधों में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसी स्थिति में अदालतों को ऐसे मामलों में कोई नरमी नहीं दिखानी चाहिए और दोषी लोगों को कड़ी सजा देनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाई कोर्ट ने रेप के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इसके साथ ही जस्टिस मोहन लाल की बेंच ने जून 2021 से जेल में बंद एक आरोपी की बेल की याचिका को खारिज कर दिया, जिस पर पड़ोसी की 10 साल की बेटी से रेप का आरोप है। आरोपी के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि बच्ची की मां ने रेप की गलत कहानी पढ़ी थी।

इस पर हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। जज ने कहा कि कोई भी आत्मसम्मान रखने वाली महिला रेप की झूठी कहानी नहीं गढ़ सकती। अदालत ने कहा कि कोई भी महिला अपनी नाबालिग बेटी के रेप की झूठी कहानी गढ़कर अपने कैरेक्टर को संदेह के दायरे में नहीं ला सकती। अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'समाज में रेप सबसे घृणित अपराध है, जिसके चलते पीड़ित पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए कोई भी आत्मसम्मान रखने वाली महिला रेप की झूठी कहानी नहीं गढ़ सकती।'

बेंच ने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई करना गलत है और जनहित के भी खिलाफ है। आदेश में कहा गया कि अदालतें इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं कि महिलाओं और नाबालिग बच्चों के खिलाफ अपराधों में इजाफा हो रहा है। इससे सख्ती से निपटना होगा। ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई करने या आरोपी के प्रति सद्भाव दिखाने की जरूरत नहीं है। ऐसे आरोपी को बेल देने से न्याय के सामने ही खतरा पैदा हो जाएगा।'

आरोपी बोला- बच्ची के परिवार ने मेरे खिलाफ साजिश रची

अदालत जिस केस की सुनवाई कर रही थी। उसमें आरोप है कि शख्स ने पास की एक टोटी से पानी भर रही 10 साल की बच्ची का रेप किया था। इसके बाद उसने बच्ची को धमकी दी थी कि वह किसी को इसके बारे में ना बताए अन्यथा उसकी जान ले लेगा। हालांकि इसके बाद भी बच्ची ने एक सप्ताह के बाद अपने पैरेंट्स को इस घटना के बारे में बताया। हालांकि आरोपी ने कहा कि उसे बच्ची के परिजनों ने गलत ढंग से फंसाया है क्योंकि दोनों परिवारों में घर के बाहर एक रास्ते को लेकर मुकदमा चल रहा है।

 

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