September 27, 2024

विपक्ष के निशाने पर क्यों रहते हैं ‘अडानी-अंबानी’? शरद पवार ने सुनाई ‘टाटा-बिड़ला’ की सियासी कहानी

0

 नई दिल्ली
अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर जारी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी  (JPC) जांच की मांग से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुक शरद पवार ने खुद को दूर कर लिया है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के देश के बड़े कारोबारी घरानों को निशाना बनाने की बात पर भी अहमति जताई है। खास बात है कि इंटरव्यू के दौरान पवार ने साफ किया कि इस तरह के सियासी पैंतरे नए नहीं हैं और पहले भी राजनीतिक दल कारोबारी समूहों को घेरते रहे हैं। संसद में हाल ही में खत्म हुए बजट सत्र के दोनों चरणों में अडानी मामले में जेपीसी जांच का मुद्दा जमकर गूंजा। फरवरी में ही राहुल ने सरकार को अडानी मामले पर संसद में घेरा था। उन्होंने कहा था, 'पूरे देश में केरल से कश्मीर तक जो मुझे एक शब्द सुनाई दे रहा है, वह है अडानी, अडानी, अडानी। इस नाम के बार में जब लोग मुझसे पूछते हैं, तो वे जानना चाहते हैं कि वह कैसे हर कारोबार में इतना सफल हो गए। कैसे वह कभी फेल नहीं हुए।'

बात 'टाटा-बिड़ला' से 'अडानी-अंबानी' पर आई
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में पवार ने साफ कर दिया है कि कारोबारी घरानों को सियासी रूप से घेरना बेकार है। उन्होंने बताया कि पहले भी 'टाटा-बिड़ला' को लेकर चर्चाएं रही हैं। उन्होंने कहा, 'यह देश में कई सालों से हो रहा है। मुझे याद है कि कई सालों पहले, जब हम राजनीति में आए थे, तो अगर हमें सरकार के खिलाफ बोलना ही होता था, तो हम टाटा-बिड़ला के खिलाफ बोलते थे।'

उन्होंने आगे कहा, 'निशाना कौन थे? टाटा-बिड़ला। जब हमने टाटा के योगदान को समझा, तो हैरान रह गए हम क्यों टाटा-बिड़ला कर रहे थे। लेकिन किसी को तो निशाना बनाना था, तो हम टाटा-बिड़ला को निशाना बनाते थे। आज टाटा-बिड़ला का नाम आगे नहीं है, दूसरे टाटा-बिड़ला सरकार के सामने आ गए हैं। इसलिए अगर इन दिनों आपको सरकार पर हमला करना हो, तो अंबानी और अडानी का नाम लिया जाता है।' उन्होंने कहा, 'सवाल यह है कि जिन लोगों को आप निशाना बना रहे हैं, अगर उन्होंने कुछ गलत किया है, ताकत का गलत इस्तेमाल किाय है, तो लोकतंत्र आपके पास उनके खिलाफ बोलने का 100 फीसदी अधिकार है, लेकिन बगैर मतलब हमला करना, यह मुझे समझ नहीं आता।'

पूछ लिया सवाल
राकंपा प्रमुख ने कहा, 'आज अंबानी ने पेट्रोकैमिकल सेक्टर में योगदान दिया है, क्या देश को इसकी जरूरत नहीं थी? बिजली के क्षेत्र में अडानी ने योगदान दिया है, क्या देश को बिजली नहीं चाहिए? ये लोग हैं, जो ऐसी जिम्मेदारी उठाते हैं और देश के नाम पर काम करते हैं। अगर उन्होंने कुछ गलत किया है, तो आप हमला करें, लेकिन उन्होंने यह इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है। उनकी आलोचना मुझे उचित नहीं लगती।'

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *