डराने लगा कोरोना वायरस, क्या आएगी चौथी लहर? एक्सपर्ट्स ने दिया जवाब
नई दिल्ली
देशभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। शुक्रवार को देश में छह हजार से ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए गए, जोकि पिछले कई महीनों में सामने आए दैनिक कोविड-19 मामलों में सर्वाधिक हैं। इससे फिर से डर बढ़ने लगा है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगले 20 दिनों में कोरोना वायरस के मामलों का पीक आ सकता है। हालांकि, चौथी लहर की बात करें तो उसके आने की संभावना नहीं है। इंडिया टुडे के अनुसार, पिछले ट्रेंड्स के अनुसार, कोरोना का पीक 15-20 दिनों में आ सकता है। यह जानकारी डॉ. रघुविंदर पराशर ने दी। उन्होंने कहा, "पिछली लहर से वायरस के पैटर्न में अंतर को समझना आवश्यक है क्योंकि वे हमें और अधिक समझने और वायरस के संक्रमण को रोकने के उपाय बनाने में मदद कर सकती हैं। पिछले ट्रेंड्स के अनुसार, पीक 15 से 20 दिनों के भीतर होना चाहिए, और फिर गिरावट की उम्मीद है।''
वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में प्रोफेसर और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर भी पराशर के बयान से सहमत दिखे और उन्होंने बताया कि कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, गति पिछली लहरों की तुलना में धीमी है और यह अत्यधिक संक्रामक नहीं लगता है। अन्यथा, पिछले दो हफ्तों में मामलों की संख्या काफी अधिक होती। वहीं, बायोलॉजिस्ट शेखर मांडे ने न्यूज 18 को बताया कि कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे की वजह नया वैरिएंट है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि हम लोग की इम्युनिटी कम हो रही हो, लेकिन पिछली लहरों में जिस तरह से लोग अस्पतालों में भर्ती हुए थे, इस बार वैसा नहीं होगा। इस बार उतने मामले नहीं सामने आने वाले, जितने पहले और दूसरे वेव में सामने आए थे।
हालांकि, केंद्र सरकार कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को हाई लेवल मीटिंग की, जिसमें आने वाले दिनों में अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया। मांडविया ने राज्यों को संक्रमण के अधिक मामलों वाले स्थानों की पहचान करने, जांच बढ़ाने, बुनियादी ढांचा तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रमुख एवं अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ डिजिटल तौर से आयोजित हुई बैठक में मांडविया ने टीकाकरण में तेजी लाने को भी कहा। जीनोम अनुक्रमण और पॉजिटिव नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने के साथ-साथ, उन्होंने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के बारे में जागरूकता पैदा करने पर भी जोर दिया।
मांडविया ने कहा कि केंद्र और राज्यों को सहयोग की भावना से काम करना जारी रखने की जरूरत है, जैसा कि पिछली बार कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के दौरान किया गया था। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से 10 और 11 अप्रैल को सभी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के संबंध में 'मॉक ड्रिल' करने और आठ तथा नौ अप्रैल को जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने का भी आग्रह किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस समय एक वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई), एक्सबीबी.1.5 और छह अन्य स्वरूपों (बीक्यू.1, बीए.2.75, सीएच.1.1, एक्सबीबी, एक्सबीएफ और एक्सबीबी.1.16) पर बारीकी से नजर रख रहा है। बयान में कहा गया है कि एक्सबीबी.1.16 का प्रसार फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च, 2023 में 35.8 प्रतिशत हो गया।