इंदिरा गांधी से मोदी तक, दुनिया का टॉप टाइगर रिजर्व बना बांदीपुर
बेंगलुरु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 अप्रैल यानी की आज बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा करेंगे। इस दौरान वे 'प्रोजेक्ट टाइगर' के 50 साल पूरे होने पर समारोह का उद्घाटन करेंगे, साथ बाघ गणना के आंकड़े भी जारी करेंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी की कर्नाटक में ये 8वां दौरा है। 10 मई को राज्य में विधानसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में सभी की नजर प्रधानमंत्री और उनके दौरे पर टिकी हुई है।
पीएम मोदी इस दौरान बाघ संरक्षण के लिए 'अमृत काल का विजन’ जारी करेंगे और ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस’ (आईबीसीए) की शुरुआत भी करेंगे। आईबीसीए में ऐसे देश शामिल हैं, जहां 'मार्जार' प्रजाति के सात पशु-बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, पुमा, जगुआर और चीता पाए जाते हैं। यह संगठन इन पशुओं के संरक्षण एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा। बांदीपुर टाइगर रिर्जव में पीएम मोदी का दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल, 1973 को बांदीपुर में 'प्रोजेक्ट टाइगर' लॉन्च किया था। इस परियोजना के तहत भारत में बाघों के संरक्षण और उनकी आबादी बढ़ाने के प्रयासों को मजबूती मिली है। खास बात ये भी है कि बांदीपुर टाइगर रिजर्व को दुनिया में बाघों के प्रमुख निवास स्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है।
बाघों को लेकर नए आंकड़े जारी करेंगे प्रधानमंत्री
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार, 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू होने पर बाघों की संख्या 12 थी। फिर बड़े पैमाने पर अवैध शिकार और कोई सुरक्षा नहीं होने के कारण बाघों की संख्या विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई। वहीं अब बाघों की संख्या 126 दर्ज की गई है। प्राधिकरण ने "स्टेटस ऑफ टाइगर्स को-प्रीडेटर्स एंड प्री इन इंडिया फॉर 2018" शीर्षक के तहत संख्या का उल्लेख किया है। हालांकि, पार्क में बाघों की संख्या आज 173 आंकी गई है।
1973 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल हआ रिजर्व
पीएम मोदी आज मैसूरु में आयोजित होने वाले "प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने का जश्न" कार्यक्रम में बाघों के अनुमान के नवीनतम आंकड़े (2022) जारी करेंगे। 19 फरवरी, 1941 को भारत सरकार द्वारा स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाला वन्यजीव पार्क के अधिकांश वन क्षेत्र को शामिल कर बांदीपुर 'राष्ट्रीय उद्यान' का गठन किया गया था। 1985 में इस क्षेत्र का विस्तार 874.20 वर्ग किलोमीटर में किया गया और इसे बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान का नाम दिया गया था। रिजर्व को 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत लाया गया था।