November 29, 2024

सेबी का निर्देश: अगर आपके पास भी हैं ऐसे शेयर तो 30 सितंबर के बाद नहीं मिलेगा डिविडेंड और अन्य अधिकार

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नई दिल्ली
सेबी ने कागजी शेयर रखने वाले निवेशकों को कुछ राहत देते हुए केवाईसी मानदंडों के अनुपालन के लिए समय सीमा छह माह बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है। इस अवधि में कागजी शेयर को इलेक्ट्रिॉनिक रूप में बदलवाकर डीमैट खाते में जमा करना होगा। ऐसा नहीं होने पर आपके शेयर बोनस, डिविडेंड और अन्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए अमान्य हो जाएंगे।

नियामक से के नियमों के मुताबिक आप कागजी शेयरों को शेयर बाजार में बेच या ट्रांसफर नहीं सकते हैं। इसके लिए पहले उन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म यानी डीमैट में बदलना जरूरी है। नए नियमों के तहत, लिस्टेड कंपनियों में भौतिक प्रतिभूतियों के सभी धारकों को अपने रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंटों (आरटीए) को अपना पैन, पता और बैंक खाता विवरण और उनके संबंधित फोलियो नंबरों के लिए हस्ताक्षर प्रदान करना आवश्यक है। अनुपालन करने में विफल रहने पर एक अक्तूबर के बाद आरटीए फोलियो को फ्रीज कर देगा।

इतना ही नहीं बल्कि 31 दिसंबर, 2025 तक फ्रीज हुए शेयरों या फोलियो के लिए आरटीए और लिस्टेड कंपनियों को बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988, या धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत अधिकारियों को सूचित करने की आवश्यकता होगी। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, शेयर बाजार में लगभग करीब डेढ़ प्रतिशत शेयरधारिता अभी भी भौतिक रूप में है जिसका कुल मूल्य 3.5 लाख रुपये से अधिक है।

किन शेयरों को बदलने है सुविधा

कागजी शेयर से डीमैट में शेयरों को को बदलने की प्रक्रिया को डीमैटेरियलाइजेशन कहते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यदि कंपनी के शेयरों में अब भी कारोबार हो रहा है तभी उसे डीमैट में बदल सकते हैं। यदि एक्सचेंज पर शेयर की लिस्टेडता समाप्त हो गई है तो वैसी स्थिति में आप कागजी शेयर को डीमैट में नहीं बदल सकते हैं और आपके किसी काम के भी हीं होंगे।

क्या है प्रक्रिया

1- सबसे पहले आप किसी भी डिपॉजिटरी, शेयर ब्रोकर के साथ एक डीमैट खाता खोलें। इसमें आपको अपना केवाईसी सत्यापित करना होगा
2- डीमैट खाता खुल जाने पर अपने काजगी शेयरों को डीमैटेरियलाइज्ड फॉर्मेट में बदलने करने के लिए आवेदन दें

3- इसके बाद अपने कागजी शेयरों को डीमैट खोलने वाली कंपनी के पास डीमैटेरियलाइज्ड आवेदन फॉर्म (डीआरएफ) के साथ जमा करना होगा
4-डीआरएफ के जमा होने के बाद आपको सभी सरेंडर शेयरों के लिए एक एक्नॉलेजमेंट पर्ची मिलेगी

5- जांच और सत्यापन के बाद आपके कागजी शेयर डीमैट खाते में आ जाएंगे

बीते वित्त वर्ष में 2.5 करोड नए डीमैट खाते खुले

पिछले वित्त वर्ष में बाजार में सुस्त रिटर्न और उतारचढ़ाव जारी रहने के बावजूद करीब 2.5 करोड़ डीमैट खाते खुले। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (सीडीएसएल) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के पास डीमैट खाते की संख्या में पिछले 12 महीने में 27 फीसद का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही कुल डीमैट खाते की संख्या 8.97 करोड़ से बढ़कर 11.44 करोड़ पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में युवा आबादी है जो निवेश के विकल्प की तलाश करता है और बाजार में गिरावट के कारण शेयरों के दाम में कमी उन्हें सस्ती दरों पर शेयर खरीदने का मौका देता है।

 

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