September 28, 2024

हल्द्वानी जेल में बंद 44 कैदी जाँच में एचआईवी पॉजिटिव मिले, रिपोर्ट सामने आते ही मचा हड़कंप

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हल्द्वानी

हल्द्वानी की जेल में एक महिला समेत 44 कैदियों के एचआईवी (HIV) पॉजिटिव मिलने से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद जेल प्रशासन अब अन्य कैदियों की भी रूटीन जांच करा रहा है। उत्तराखंड के हल्द्वानी की जेल से आई इस खबर से जहां जेल प्रशासन सकते में है। वहीं इतने कैदियों के एचआईवी-एड्स संक्रमित मिलने पर जेल प्रशासन की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। जेल में एचआईवी पॉजिटिव पाए गए 44 कैदियों का हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

 सुशीला तिवारी अस्पताल के एआरटी सेंटर प्रभारी डॉ. परमजीत सिंह ने कहा कि हल्द्वानी जेल में 44 कैदी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (HIV) से पॉजिटिव पाए गए हैं और एक महिला कैदी भी एचआईवी संक्रमित मिली है।

डॉ. सिंह के मुताबिक, जेल में एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कैदियों के इलाज की जानकारी देते हुए डॉ. सिंह ने कहा, "एचआईवी रोगियों के लिए एक एआरटी (एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी) केंद्र स्थापित किया गया है, जहां संक्रमित रोगियों का इलाज किया जाता है, मेरी टीम लगातार जेल में कैदियों की जांच कर रही है।

उन्होंने कहा कि जो भी कैदी एचआईवी से संक्रमित होता है, उसे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के दिशा-निर्देशों के आधार पर मुफ्त इलाज और दवाएं दी जाती हैं।

डॉ. सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान में जेल में 1629 पुरुष और 70 महिला कैदी हैं। इतनी बड़ी संख्या में कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद जेल प्रशासन भी कैदियों की नियमित जांच कर रहा है, ताकि एचआईवी संक्रमित कैदियों का समय पर इलाज हो सके।

जेल प्रशासन ने नहीं दिया जवाब
सुशीला तिवारी अस्पताल के डॉक्टर परमजीत सिंह का कहना है कि एचआईवी मरीजों के लिए यहां एआरटी सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर में संक्रमितों का इलाज किया जाता है। डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल की टीम लगातार जेल में कैदियों की जांच करती है और जो भी कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए जाता है, उनका निशुल्क इलाज किया जाता है। वहीं एक साथ इतने कैदियों के एचआईवी संक्रमित पाए जाने पर उठ रहे सवालों को लेकर जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार की ओर से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है। इसके चलते अब जेल प्रशासन पर उंगली उठ रही है। हालांकि जेल प्रशासन ने एहतियातन अन्य कैदियों की भी जांच करानी शुरू करा दी है।

 

 

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