September 30, 2024

IAS अफसरों को अब मूल वेतन से अधिक किए गए सभी लेन-देन का हिसाब देना होगा

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भोपाल

मध्यप्रदेश के सभी आईएएस अफसरों को अब छह माह के मूल वेतन से अधिक किए गए सभी लेन-देन का हिसाब देना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसको लेकर सभी आईएएस अफसरों को पत्र लिखकर यह जानकारी 31 जनवरी तक देने को कहा है। अभी तक आईएएस अफसरों को हर साल अचल सम्पत्ति की खरीदी-बिक्री की जानकारी हर साल देना होता है। लेकिन अन्य लेनदेन की जानकारी वे नहीं देते थे। अब यह नया प्रावधान आईएएस अफसरों के लिए अनिवार्य किया गया है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों आईएएस अफसरों को अब एक कैलेण्डर वर्ष में छह माह के मूल वेतन से ज्यादा राशि के लेन-देन का हिसाब देना होगा। शेयर बाजार में वे जो सालाना निवेश करते हे, सिक्यूरिटीज और डिवेंचर खरीदने में वे जो निवेश करते है उसकी भी जानकारी उन्हें देना होगा।

म्युचुअल फंड, पब्लिक प्रावीडेंड फंड, राष्टÑीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना, मासिक आय योजना, बैंक और डाकघरों में फिक्स्उ डिपाजिट में यदि उनका छह माह के मूल वेतन से अधिक निवेश किया जाता है तो उसकी जानकारी भी उन्हें देना होगा। यह जानकारी लेन-देन के अगले वर्ष की 31 जनवरी तक निर्धारित प्रपत्र में शासन को देना होगा। अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों के तहत पूर्व से शासन को उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारी जैसे दो माह के मूल वेतन से अधिक के चल सम्पत्ति के ट्रांजेक्शन की जानकारी के अतिरिक्त यह जानकारी अब आईएएस अफसरों को देना होगा। सभी आईएएस अफसरों को निर्धारित समयावधि में यह जानकारी देने को कहा गया है।

फार्मेट में यह जानकारी देना होगा
अधिकारी का नाम, उसका पद,  उसका कॉडर वह किस सेवा से है, कर्मचारी आईडी, कोड नंबर, स्केल पे और वर्तमान वेतन, शेयर, डिवेंचर, सिक्युरिटीज और अन्य निवेश के लिए वर्ष में निवेश की जानकारी सेपरेट शीट में देना होगा। यदि निवेश के लिए कोई वित्तीय मदद ली गई हो तो उसके बारे मे पर्सनल सेविंग डिटेल और अन्य स्रोतो से प्राप्त राशि का ब्यौरा भी देना होगा।

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