September 30, 2024

छात्र शिकायत निवारण समिति में एससी, एसटी, ओबीसी और महिला अध्यक्ष या सदस्य हो : UGC

0

नई दिल्ली
 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्र शिकायत निवारण समितियों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के प्रतिनिधियों को अध्यक्ष या सदस्यों के रूप में नियुक्त करना अनिवार्य कर दिया है। यूजीसी (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम 2023 को 11 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था और यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है। ये 2019 के दिशानिर्देशों की जगह लेगा।

आयोग ने  सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को नए नियमों का पालन करने के लिए कहा, जो किसी भी संस्थान में पढ़ रहे विद्यार्थियों के साथ-साथ संस्थानों में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों की शिकायतों के निवारण के अवसर प्रदान करे। संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, छात्र शिकायत निवारण समिति का कम से कम एक सदस्य या उसकी अध्यक्ष एक महिला हो और कम से कम एक सदस्य या अध्यक्ष अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग से हो। यूजीसी के प्रमुख जगदीश कुमार ने कहा, छात्र शिकायत विनियम 2023, जाति आधारित भेदभाव के खिलाफ शिकायतों के निवारण के लिए एक अतिरिक्त मंच प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि ये नियम यूजीसी द्वारा समय-समय पर बनाए गए या जारी किए गए अन्य नियमों या दिशानिर्देशों की जगह नहीं लेते हैं जो यह सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए थे या जारी किए गए थे कि जाति, नस्ल, धर्म, भाषा, जातीयता, लिंग या दिव्यांगता के आधार पर किसी भी छात्र के साथ भेदभाव नहीं किया जाए। साल 2019 के नियमों की तरह, यूजीसी ने छात्र निवारण समितियों को बरकरार रखा है जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, दिव्यांग या महिलाओं से संबंधित विद्यार्थियों के साथ कथित भेदभाव की शिकायतों को देखेगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *