September 30, 2024

उमेश पाल की हत्या के 50 दिनों में मिट्टी में मिल गया अतीक अहमद और उसका साम्राज्य

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नई दिल्ली
इसी साल 24 फरवरी के दिन अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा असद अपने शूटर साथियों के साथ उमेश पाल और दो सरकारी गनरों की हत्या करते दिखा था। उसके ठीक 50वें दिन यानी 15 अप्रैल को असद के माफिया पिता अतीक अहमद और चाचा खालिद अजीम उर्फ अशरफ की में कॉल्विन अस्पताल में तीन शूटरों ने हत्या कर दी। उमेश पाल की हत्या के बाद सीसीटीवी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। उसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 फरवरी को सदन में खम ठोककर कहा था कि उमेश पाल के हत्यारों को बख्शेंगे नहीं और उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा। उसके बाद से अतीक, अशरफ और असद के एनकाउंटर के कयास लगाए जा रहे थे।  अतीक और अशरफ पुलिसी की सुरक्षा में जेल में थे, इसलिए उनके एनकाउंटर से यूपी पुलिस भी सवालों के घेरे में आती, लेकिन गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने झांसी के पारीछा डैम पास असद का एनकाउंटर कर दिया। शनिवार सुबह असद के जनाजे पर पड़ी मिट्टी अभी बैठी भी नहीं थी कि उसके पिता और चाचा को तीन अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया। एक बार फिर उमेश पाल की हत्या की तरह ही अतीक और अशरफ की हत्या के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या से शुरू हुए माफिया के अवसान का क्रम उमेश पाल की हत्या के साथ पूरा हुआ।

क्या हुआ था 24 फरवरी को?
उमेश पाल की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी लगे थे। अतीक के बेटे ने अपने साथ छह अन्य शूटर और बमबाज को लेकर मजह 44 सेकेंड में तीनों की हत्या कर दी थी। 24 फरवरी की शाम को उमेश पाल अपने दोनों सुरक्षाकर्मी के साथ कार से घर पहुंचा। सड़क पर कार रुकी। सिपाही राघवेंद्र बाहर निकला। पीछे से उमेश कार से निकला। तभी शूटरों ने उमेश पाल और सिपाहियों पर हमला कर दिया। उमेश के भागते ही अतीक का बेटा पहुंचा और उसने गोलियों से उमेश को छलनी कर दिया। तीनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उमेश पाल और उनके गनर संदीप मिश्रा की मौत हो गई। बाद में दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई। एफआईआर में अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके भाई और पूर्व विधायक अशरफ, बेटे असद समेत 18 लोगों के नाम आए। इनमें असद, सदाकत, अरमान, विजय चौधरी उर्फ उस्मान  और अरबाज एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

इसी साल 24 फरवरी के दिन अतीक अहमक का तीसरे नंबर का बेट असद अपने शूटर साथियों के साथ उमेश पाल और दो सरकारी गनरों की हत्या करते दिखा था। उसके ठीक 50वें दिन यानी 15 अप्रैल को असद के माफिया पिता अतीक अहमद और चाचा खालिद अजीम उर्फ अशरफ की में कॉल्विन अस्पताल में तीन शूटरों ने हत्या कर दी। उमेश पाल की हत्या के बाद सीसीटीवी का वीडियो सोशल मीडिय पर वायरल हो गया था। उसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 फरवरी को सदन में खम ठोककर कहा था कि उमेश पाल के हत्यारों को बख्शेंगे नहीं और उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा। उसके बाद से अतीक, अशरफ और असद के एनकाउंटर के कयास लगाए जा रहे थे।  अतीक और अशरफ पुलिसी की सुरक्षा में जेल में थे, इसलिए उनके एनकाउंटर से यूपी पुलिस भी सवालों के घेरे में आती, लेकिन गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने झांसी के पारीछा डैम पास असद का एनकाउंटर कर दिया। शनिवार सुबह असद के जनाजे पर पड़ी मिट्टी अभी बैठी भी नहीं थी कि उसके पिता और चाचा को तीन अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया। एक बार फिर उमेश पाल की हत्या की तरह ही अतीक और अशरफ की हत्या के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या से शुरू हुए माफिया के अवसान का क्रम उमेश पाल की हत्या के साथ पूरा हुआ।

क्या हुआ था 24 फरवरी को?
उमेश पाल की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी लगे थे। अतीक के बेटे ने अपने साथ छह अन्य शूटर और बमबाज को लेकर मजह 44 सेकेंड में तीनों की हत्या कर दी थी। 24 फरवरी की शाम को उमेश पाल अपने दोनों सुरक्षाकर्मी के साथ कार से घर पहुंचा। सड़क पर कार रुकी। सिपाही राघवेंद्र बाहर निकला। पीछे से उमेश कार से निकला। तभी शूटरों ने उमेश पाल और सिपाहियों पर हमला कर दिया। उमेश के भागते ही अतीक का बेटा पहुंचा और उसने गोलियों से उमेश को छलनी कर दिया। तीनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उमेश पाल और उनके गनर संदीप मिश्रा की मौत हो गई। बाद में दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई। एफआईआर में अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके भाई और पूर्व विधायक अशरफ, बेटे असद समेत 18 लोगों के नाम आए। इनमें असद, सदाकत, अरमान, विजय चौधरी उर्फ उस्मान  और अरबाज एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

 

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