September 28, 2024

जाने क्या था 2002 का नरोदा नरसंहार जिसमें मारे गए थे 11

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नरोदा गाम
गुजरात की एक विशेष अदालत 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान नरोदा गाम में मुस्लिम समुदाय के 11 सदस्यों की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को फैसला सुना सकती है। इस मामले के आरोपियों में भाजपा की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल हैं। मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. बक्शी मामले में 20 अप्रैल को फैसला सुना सकते हैं।

गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे। नरोदा ग्राम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चल रहा है।

2002 में हुए गुजरात दंगों में गुजरात का नरोदा गाम भी प्रभावित रहा था। दरअसल, गुजरात के गोधरा में आयोध्या से लौट रहे कारसेवकों के ट्रेन डिब्बे में आग लगा दी गई थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद भड़की हिंसा ने धीरे-धीरे गुजरात के कई इलाकों को अपनी आगोश मे ले लिया था। इन दंगों में गुजरात का नरोदा गाम भी प्रभावित रहा था। यहां हुए नरसंहार में 11 मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी। आज गुजरात की अदालत इस मामले पर फैसला सुनाने जा रही है। गौरतलब है कि इस नरसंहार में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक माया कोडनानी को भी आरोपी बनाया गया है। इसमें बजरंग दल से जुड़े बाबू बजरंगी को भी आरोपी बनाया गया है।

मामले में कुल 86 आरोपी
पूर्व बीजेपी विधायक समेत नरोदा गाम नरसंहार मामले में 86 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन आरोपियों में से 18 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। अब तक 18 लोगों की मौत के बाद केवल 68 आरोपी जिंदा हैं। अदालत आज इस मामले में फैसला सुना सकती है।

 

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