अमृतपाल की पत्नी किरणदीप आतंकी संगठन के लिए फंड जुटाती थी , जानिए 10 बड़ी बातें
अमृतसर
पंजाब पुलिस को लगातार गच्चा दे रहे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप सिंह अब पुलिस हिरासत में हैं. उसे अमृतसर के गुरु रामदास एयरपोर्ट से पकड़ा गया है. अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक किरणदीप लंदन भागने वाली थी. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने बोर्डिंग से पहले ही उसे पकड़ लिया.
जांच एजेंसियों के मुताबिक किरणदीप कौर पर आतंकी संगठनों के लिए फंड जुटाने का आरोप है. जांच एजेंसियों की जांच में और भी कई अहम खुलासे हुए थे. सबसे हैरान करने वाला तथ्य ये सामने आया था कि किरणदीप के कई अन्य मुल्कों में भी लिंक हैं.
खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आए थे अहम तथ्य
- अमृतपाल की पत्नी का नाम किरणदीप कौर है, यह यूनाइटेड किंगडम की रहने वाली है. ऐसा माना जा रहा है कि इतने दिन तक पति के पुलिस की पकड़ में न आने के पीछे किरणदीप की महत्वपूर्ण भूमिका है.
- जांच एजेंसियों के मुताबिक किरणदीप खालिस्मान समर्थित आतंकी संगठन बब्बर खालसा की एक्टिव मेंबर है. यह संगठन कनाडा और यूके से संचालित होता है.
- किरणदीप विदेश में बैठकर ही संगठन के लिए पूरी साजिश रचती थी. इसका मुख्य काम लोगों को संगठन से जोड़ना था.
- खालिस्तान समर्थन के लिए लोगों को भड़काने वाले बब्बर खालसा संगठन के लिए किरणदीप फंड भी जुटाती थी और इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करती रहती थी.
- अमृतपाल की पत्नी किरणदीप को 2020 में ब्रिटेन में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस समय उस पर खालिस्तान मुहिम के लिए गलत तरीके से फंड जुटाने के आरोप लगे थे.
- ऐसा कहा जाता है कि किरणदीप ने कुछ समय पहले ही अमृतपाल से शादी की थी. विवाह के बाद से वह अमृतपाल के गांव जल्लूपूर खेड़ा में ही रह रही थी.
- बताया जाता है कि किरणदीप का परिवार मूल रूप से जालंधर का रहने वाला है, यही के गांव कुलारा में किरणदीप के परिजन रहते थे जो बाद में ब्रिटेन बस गए थे.
- बताया जाता है कि अमृतपाल और किरणदीप की उसके वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख बनने के बाद हुई थी. जब शादी हुई थी अमृतपाल ने इसे पंजाबियों का रिवर्स माइग्रेशन बताया था.
- अमृतपाल के फरार होने के बाद पंजाब पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने जल्लूपूर खेड़ा गांव जाकर किरणदीप से पूछताछ भी की थी.
- जांच एजेंसियां किरणदीप के खाते और मूवमेंट पर भी लगातार नजर रख रही थीं, उससे विदेशी फंडिंग के बारे में भी लगातार पूछताछ की जा रही थी.