November 29, 2024

PWD की सड़कों की गुणवत्ता की अब होगी खुफिया जांच, रेंडम सैंपल कोडिंग कर भेजेंगे लैब

0

भोपाल

प्रदेश में लोक निर्माण विभाग की सड़कों की गुणवत्ता की अब खुफिया जांच की जाएगी। रेंडम सैम्पल लिए जाएंगे। सेम्पल को कोडिंग कर लैब में जांच करने के लिए भेजा जाएगा। लैब में जांच के परिणाम को डिकोड कर देखा जा सकेगा। यह प्रक्रिया गोपनीय होगी। परिणाम आने पर खुलासा होगा और सड़क निर्माण घटिया निकला तो संबंधित ठेकेदार से लेकर जिम्मेदार अफसर तक पर कार्यवाही होगी। लगातार घटिया निर्माण कर रहे ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकेगा।

लोक निर्माण विभाग ने अब इस नये सिस्टम पर काम शुरु कर दिया है। विभाग में अफसरों, ठेकेदार और लैब अमले की साठगांठ से घटिया निर्माण के सेम्पल अक्सर अच्छे निकलने और सभी को बचाने के आरोप लगते रहते है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तक भी यह शिकायतें पहुंची थी। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की सड़कों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए रेंडम सैम्पलिंग और एनोनिमस टेस्टिंग व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रचलित डब्ल्यू एमएस आईटी सिस्टम में ही अलग से सॉफ्टवेयर इंटरफेस तैयार किया है। मौजूदा डब्ल्यू एम एस एप्लीकेशन में मौजूद रेंडम सेम्पलिंग लिंक का उपयोग कर अधीक्षण यंत्री अथवा मुख्य अभियंता अपने क्षेत्र की किसी भी सड़क पर सैम्पल एकत्रित करने के लिए रेंडम चेनेज लोकेशन जनरेट करेंगे। रेंडम चेनेज जनरेशन की यह प्रणाली पूर्णत: स्वचालित है। इसके एल्गोरिथम में किसी प्रकार का मैन्युपुलेशन संभव नहीं है।

कैसे काम करेगा नया सिस्टम
सेम्पल की एनानिमिटी स्थापित करने के लिए सॉफ्टवेयर द्वारा रेंडम चैनेज के साथ एक गोपनीय कोड बारकोड के रुप में जनरेट किया जाएगा जिसे सेम्पल की एक मात्र पहचान के रुप में प्रयोगशाला भेजा जाता है। परीक्षण के बाद प्रयोगशाला इसी गोपनीय कोड के साथ परिणाम सीधे डब्ल्यूएमएस पोर्टल पर अपलोड करेगा जहां सॉफ्टवेयर पुन: इसे डीकोड कर परिणाम प्रकाशित करता है। इस प्रकार प्रयोगशाला के स्तर पर एनोनिमिटी मेंटेन की जाती है।

इस तरह होगी रेंडम सैंपलिंग
रेंडम स्थानों से कोर काट कर केवल बिटुमिन्स लेयर की मोटाई, बिटुमिन कंटेंट एवं डेंसिटी का परीक्षण प्रस्तावित किया जाएगा। सर्कल स्तरीय अधीक्षण यंत्री अपनी टीम के साथ स्वयं संबंधित सड़क पर जाकर कोर काटने की कार्यवाही कराएंगे। प्रपत्र के पहले भाग में उल्लेखत चेनेज से कोर काटने के उपरांत इसे प्रपत्र के दूसरे भाग के साथ एक सीलबंद पेकेट में रखा जाएगा। सीलबंद पैकेट  पर ऐसी कोई भी जानकारी अंकित नही होगी जिससे सेम्पल की पहचान उजागर हो सके। सेम्पल अधीक्षण यंत्री प्रयोगशाला में जमा कराएंगे।  वहां परीक्षण के बाद परिणामों से संबंधित गोपनीय कोड के साथ सीधे डब्ल्यूएमएस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। पोर्टल गोपनीय कोड को डीकोड कर परिणाम प्रकाशित करेगा। इन परिणामों के आधार पर कार्यवाही होगी। इस पूरी प्रक्रिया की सतत मानीटरिंग भी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *