दिल्ली-एनसीआर में हीट वेव के बाद बारिश और ओले
नई दिल्ली
राजधानी में सुबह से गर्मी थी। सुबह से कई बार घने बादल छाए। शाम होते-होते आखिरकार बादल बरस ही गए। बारिश के बाद लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। शाम पांच बजे के बाद मौसम में अचानक बदलाव हो गया। 5:30 बजे के बाद कई हिस्सों में बारिश शुरू हो गई। 6 से 6:30 बजे के बीच राजधानी में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। एनसीआर में कुछ जगहों पर ओले भी गिरे। महज आधे घंटे के अंतराल में तापमान में सात डिग्री की गिरावट हुई। बारिश से राहत के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में मौसम कैसा रहेगा। क्या एक बार फिर से गर्मी सताएगी या मौसम ऐसे ही खुशनुमा बना रहेगा।
आगे कैसा रहेगा मौसम का हाल
मौसम विभाग के गुरुवार को अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री कम है। अप्रैल में करीब दस दिन बाद तापमान सामान्य से कम दर्ज हुआ है। वहीं न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री रहा। यह सामान्य से दो डिग्री अधिक है। अब शुक्रवार से मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रह सकता है। वहीं 22 व 23 अप्रैल को अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम तापमान 19 से 20 डिग्री तक रह सकता है। 24 अप्रैल को अधिकतम तापमान 38 और न्यूनतम 19 डिग्री दर्ज हो सकता है। इसके बाद 25 और 26 अप्रैल को अधिकतम तापमान 39 डिग्री और न्यूनतम तापमान 20 से 21 डिग्री तक रह सकता है।
कहां-कहां हुई बारिश
स्काईमेट के अनुसार शाम 6 बजे राजधानी का तापमान 32 डिग्री था, जो 6:30 बजे कम होकर 25 डिग्री पर रह गया। आंधी-तूफान के दौरान हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रही, वहीं हल्की से मध्यम गति की बारिश दर्ज की गई। अधिक बारिश पश्चिमी दिल्ली, दक्षिण पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली, नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी पूर्वी दिल्ली में हुई। दक्षिणी दिल्ली और गुरुग्राम में कुछ जगहों पर ओले भी गिरे। बारिश का इंतजार राजधानी के लोग पिछले दो दिनों से कर रहे थे। अब शुक्रवार से बारिश की संभावना नहीं है। तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा। 25 अप्रैल के बाद तापमान तेजी से बढ़ सकते हैं।
अब बनाना चाहिए हीट एक्शन प्लान
एक्सपर्ट के अनुसार इस बार तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावना जताई गई है। लू का प्रकोप भी अधिक दिनों तक बने रहने की संभावना है। ऐसे में अब राजधानी की सरकार को भी हीट वेव एक्शन प्लान लागू करना चाहिए। इसके तहत श्रमिकों के समय में बदलाव किया जाना चाहिए, ताकि वह लू की चपेट में न आएं। स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किए जाने चाहिए, ताकि दोपहर में लू के बीच स्कूलों से निकलकर उन्हें घर न आना पड़े। ट्रैफिक जाम गर्मी को और बढ़ाते हैं, इसलिए जाम कम करने के लिए भी कदम उठाने होंगे। इसके लिए ऑफिसों के समय में बदलाव किया जा सकता है। इससे न सिर्फ जाम कम होगा, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। गर्मियों में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं अधिक तापमान की वजह गैसों से मिलता है और रिएक्शन होकर ओजोन व अन्य हानिकारक गैसों में बदलता है।