वर्तमान सरकार अपने काम में वंचितों को प्राथमिकता दे रही : प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान सरकार अपने काम में वंचितों को प्राथमिकता दे रही है। पहले यह सोच थी कि सरकार सबकुछ करेगी लेकिन अब सोच यह है कि सरकार सबके लिए करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सिविल सेवा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन मंु सिविल सेवकों को संबोधित किया। साथ ही इस आयोजन के दौरान लोक प्रशासन में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार उत्कृष्टता पुरस्कारों को आम नागरिकों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के जिलों और संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देने की दृष्टि से स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार सबके लिए काम करने की भावना के साथ समय और संसाधनों का बेहतर उपयोग कर रही है। 'राष्ट्र प्रथम, नागरिक प्रथम' के मंत्र के साथ सरकार की प्राथमिकता वंचितों को वरीयता देना है। आज सरकार आकांक्षी ब्लॉक तक जा रही है और सीमावर्ती गांवों को देश का पहला गांव मानकर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए जरूरी है कि हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों के सपनों को सच करने में उनकी मदद करें। पिछले दशकों से बनी व्यवस्था की नकारात्मक छवि को सकारात्मक में बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारी योजनाएं कितनी भी बेहतर हों लेकिन अंतिम पायदान तक उसकी वितरण सुनिश्चित ना हो तो अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि आज सबके प्रयास से व्यवस्था में बदलाव आया है और देश के करीब 03 लाख करोड रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं। आज पैसा गरीब के काम आ रहा है और उसके जीवन को आसान बना रहा है। उन्होंने कहा कि आज की चुनौती कुशलता को लेकर नहीं बल्कि अभाव को लेकर है और उसे दूर कैसे किया जाए इस पर प्रयास करने की जरूरत है।
सिविल सेवा अधिकारियों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले 09 वर्षों में सुशासन पर विश्वास, भारत के विकास को गति और कोरोना संकट के बावजूद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहने के पीछे सिविल सेवा अधिकारियों की मेहनत का बड़ा योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि जब प्रशासन जन एवं विकास केंद्रित होता है तो न केवल वह समाधान देता है बल्कि सर्वोत्तम परिणाम भी देता है। यह ना केवल जनकल्याण सुनिश्चित करता है बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करता है।
प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत काल का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे पास काफी कम समय है और बहुत कुछ हासिल करने को है। हमारे पास समय कम है लेकिन क्षमताएं अपार हैं, हमारे पास कठिन लक्ष्य हैं लेकिन महान साहस है, ऊंचाइयों को छूना हमारा लक्ष्य है लेकिन हमारे पास आसमान को भी पार करने की इच्छा है।