November 28, 2024

चार धाम यात्रा जोखिम भरा सफर, बदरीनाथ-केदारनाथ धामों में बर्फबारी

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 देहरादून

 उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बहुत बड़ी खबर है। चार धाम यात्रा के दौरान नेशनल हाईवे  (National Highway) पर जरा सी भी लापरवाही आपकी परेशानी बढ़ा सकती है। जी हां,खराब मौसम के साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी सहित देश के अन्य राज्यों से चार धाम पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वह सफर के दौरान अलर्ट रहें।

हाईवे पर यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों की थोड़ी सी भी लापरवाही की वजह से उनकी जान भी जा सकती है। चार धाम यात्रा शुरू होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं, लेकिन बदरीनाथ हाईवे अभी भी कई स्थानों पर खतरनाक बना है। तो दूसरी ओर, बदरीनाथ, केदारनाथ, सहित चारों धामों में बर्फबारी भी हुई है। हाईवे का ऐसा ही हाल, केदारनाथ, यमुनोत्री, और गंगोत्री हाईवे का भी है। आल वेदर सड़क चौड़ीकरण के कारण संवेदनशील स्थानों पर स्थिति और भी चिंताजनक बनी है।

बदरीनाथ हाईवे पर अभी खतरनाक चट्टानों के नीचे से गुजरते हाईवे पर भीमकाय मशीनों से कार्य जारी है। विभिन्न चट्टानी वाले स्थानों पर बड़े-बड़े बोल्डर लटके हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुल रहे हैं। गंगोत्री, और यमुनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं। नियमानुसार यात्रा शुरू पर सड़क पर निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए। ताकि मलबे और अन्य कारणों से यात्रा प्रभावित न हो।

यात्रा आरंभ होने से पूर्व हाईवे सुचारु कर दिया जाना चाहिए। पर बदरीनाथ हाईवे पर चमोली के निकट चाड़े पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। जिसके चलते मुख्य हाईवे समय-समय पर बाधित हो रहा है। वाहनों को नन्दप्रयाग-सेकेट-कोठियाल सैंण सड़क की ओर डाइवर्ट करना पड़ रहा है। बिरही और पीपलकोटी के बीच चाड़े की चट्टान खतरनाक बनी है। यहां पर भी सड़क चौड़ीकरण का कार्य जारी है।

चट्टान पर लटकते बड़े-बड़े बोल्डर और विशालकाय पत्थर जो गिरने को तैयार हैं। कभी भी मुश्किल बन सकते हैं। स्थानीय निवासी दुर्गा प्रसाद, नरेन्द्र लाल, कमल लाल, कमलेश सिंह कहते हैं कि चाड़े की चट्टान को समय रहते ठीक किया जाना चाहिए। बदरीनाथ हाईवे पर ही बद्रीनाथ से चार किमी पहले पागलनाले के समीप से गुज़रते हाईवे का भी यही हाल है। यहां पर हाईवे चौड़ीकरण के कार्य करते समय चट्टान भर भरा कर सड़क पर आ गयी थी।

सड़क पर पड़ा है मलबा
बदरीनाथ में मास्टर प्लान निर्माण कार्य के कारण जहां-जहां सड़क पर मलबा पड़ा है। यदि शीघ्र मलबा न हटाया गया तो यात्रा दर्शन के समय यात्रियों को परेशानी हो सकती है। मंगलवार को बदरीनाथ में यात्रा तैयारियों का निरीक्षण करने आये जि़लाधिकारी हिमांशु खुराना ने निर्माण एजेंसियों को शीघ्र मलबा हटाने के निर्देश दिए।

इससे पूर्व पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने भी बदरीनाथ पहुंच कर निर्माण कार्य में ली एजेंसियों को सख़्त निर्देश देते हुए रास्तों, सड़कों पर बिखरे मलबे को तत्काल साफ करने के आदेश दिए। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने भी ब्रह्म कपाल परिसर में  बिखरे पत्थरों और मलबे को हटाने के निर्देश निर्माण एजेंसियों को दिये हैं

केदारनाथ और बदरीनाथ में हिमपात, दिक्कतें बढ़ी
केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में बुधवार बर्फबारी हुई। केदारनाथ में बर्फबारी होने से यात्रा तैयारियां प्रभावित हुई। हालांकि इसके बावजूद भी यात्रा तैयारियों में जुटे विभागों के साथ ही मजदूर काम में लगे रहे। कपाट खुलने के लिए समय कम होने के कारण खराब मौसम में भी यात्रा व्यवस्थाएं जुटाई जा रही है।

 

केदारनाथ धाम में इस बार मौसम लगातार खराब हो रहा है। कुछ दिन मौसम ठीक रहा किंतु बुधवार को फिर मौसम खराब हुआ और बर्फबारी हुई। केदारनाथ धाम के साथ ही लिंचौली तक बर्फ गिरने से यात्रा तैयारियों में जुटे मजदूर, तीर्थपुरोहित, व्यापारी, होटल स्वामी को परेशानियां का सामना करना पड़ा।   

जोशीमठ में बनेगा आपदा कंट्रोल रूम
जोशीमठ भू-धंसाव के बाद शुरू हो रही चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड सरकार ने प्लान बनाया है। यात्रा के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए सरकार जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम स्थापित करने जा रही है। मालूम हो कि चमोली जिले में स्थित जोशीमठ से होकर ही बदरीनाथ का रास्ता जाता है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, सेना, पुलिस, आईटीबीपी से कंट्रोल रूम को जोड़ा जाएगा ताकि आपदा के समय तुरंत ही राहत व बचाव का कार्य शुरू किया जा सके। चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि आपदा कंट्रोल रूम को मरवारी स्थित बीआरओ कार्यालय में स्थापित किया जाएगा। 

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