पृथ्वी के लिए श्रमदान के साथ-साथ शर्मदान भी जरूरी
विश्व पृथ्वी दिवस की पूर्व संध्या पर विद्यार्थी, विज्ञान और आर्ट थीम पर कार्यक्रम का आयोजन
भोपाल
जनजातीय कार्य विभाग के बावड़िया कला स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय (गुरुकुलम्) विद्यालय में शुक्रवार शाम 'इनवेस्ट इन अवर प्लानेट' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में 'विद्यार्थी, विज्ञान और आर्ट' थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्व पृथ्वी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित इस कार्यक्रम में नई दिल्ली स्थित 'विज्ञान प्रसार' द्वारा तैयार लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। लघु फिल्म 'मैं भारत' में विद्यार्थियों को आदर्श नागरिक बनने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका के बारे में बताया गया। वहीं, लघु फिल्म 'अर्थ' में उन्हें पृथ्वी और पर्यावरण का महत्व व संरक्षण के बारे में बताया गया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव सुधा चौधरी ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण और जागरुकता के लिए उनके कर्तव्यों पर उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि मैंने बतौर आई.ए.एस. अधिकारी पर्यावरण से जुड़े कई श्रमदान अभियानों की पहल की जिसके व्यापक परिणाम भी मिले। दरअसल, पृथ्वी के लिए श्रमदान के साथ-साथ शर्मदान करना भी जरूरी है ताकि हम पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यों में सहयोग करते समय शर्म महसूस न करें।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के प्रिंसिपल साइंटिस्ट विकास शेन्दे ने विद्यार्थियों को क्लाइमेट चेंज और उसमें मनुष्य की भूमिका विषय पर संबोधित किया। साथ ही, 'मैं भारत' और 'अर्थ' लघु फिल्म के निर्माता व लेखक डॉ. सुधीर आजाद ने फिल्म और पर्यावरण के प्रति विद्यार्थियों की संवेदनशीलता विकसित करने पर उद्बोधन दिया। बाल शिक्षा विशेषज्ञ और लेखिका सुपरी जोशी ने विद्यार्थियों को पृथ्वी से जुड़े विषयों पर चेतना विकसित करने के बारे में अपनी बात रखी। सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों से संवाद भी किया। इस अवसर पर जनजातीय विद्यार्थियों ने गोंडी नृत्य और गीत के साथ 'लहरा दो तिरंगा…' पर नृत्य प्रस्तुति भी दी। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. यशपाल सिंह ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलवाई।