रिलायंस ने मार्च तिमाही में कमाया रिकॉर्ड 19,299 करोड़ रुपये लाभ
नयी दिल्ली
देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 19 प्रतिशत बढ़कर 19,299 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का यह अब तक का सर्वाधिक तिमाही लाभ है।
रिलायंस ने शुक्रवार शाम को जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के वित्तीय नतीजों की सूचना शेयर बाजारों को भेजी। इसके मुताबिक, तेल एवं पेट्रो रसायन कारोबार से आय बढ़ने और खुदरा एवं दूरसंचार कारोबारों की मजबूत वृद्धि से उसका लाभ बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही में उसने 16,203 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।हालांकि विश्लेषकों ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के शुद्ध लाभ में गिरावट की आशंका जताई थी लेकिन अमेरिका से आयात किए जाने वाले इथेन के दाम में नरमी आने से कंपनी को राहत मिल गई।
आलोच्य तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 2.19 लाख करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वर्ष 2.14 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं अक्टूबर-दिसंबर 2022 के 15,792 करोड़ रुपये की तुलना में शुद्ध लाभ 22 प्रतिशत बढ़ गया। समूचे वित्त वर्ष (अप्रैल 2022- मार्च 2023) में रिलायंस का शुद्ध लाभ 66,702 करोड़ रुपये रहा है जो उसका अब तक सर्वाधिक लाभ है। इस दौरान कंपनी राजस्व भी 10 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया। वित्त वर्ष 2021-22 में आरआईएल ने 60,705 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ 7.36 लाख करोड़ रुपये के राजस्व पर कमाया था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के सभी कारोबारी खंडों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसकी कर-पूर्व आय (ईबीआईडीटीडीए) साल भर पहले की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़कर 41,389 करोड़ रुपये हो गई। ईबीआईटीडीए से आशय ब्याज, कर, मूल्य ह्रास और ट्रेडमार्क, पेंटेंट तथा अन्य संपत्ति की समय बढ़ने के साथ लागत में कमी के आकलन से पहले की आय है।
कंपनी के मुख्य कारोबार तेल शोधन एवं पेट्रोकेमिकल की कर-पूर्व आय 14.4 प्रतिशत बढ़कर 16,293 करोड़ रुपये, दूरसंचार एवं डिजिटल खंड की कर-पूर्व आय 17 प्रतिशत बढ़कर 12,767 करोड़ रुपये और खुदरा कारोबार की कर-पूर्व आय 33 प्रतिशत बढ़कर 4,769 करोड़ रुपये हो गई।
रिलायंस ने कहा कि घरेलू डीजल एवं विमान ईंधन के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर देने से उसका लाभ तीसरी तिमाही के 1,898 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 711 करोड़ रुपये पर आ गया। दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो का शुद्ध लाभ 15.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,984 करोड़ रुपये हो गया। वहीं खुदरा इकाई का शुद्ध लाभ 13 प्रतिशत बढ़कर 2,415 करोड़ रुपये रहा।
आरआईएल ने कहा कि 1,93,282 करोड़ रुपये की नकदी को ध्यान में रखते हुए उसका शुद्ध कर्ज सालाना कर-पूर्व आय से कम है। पहली बार रिलायंस की कर पूर्व आय सालाना आधार पर 23.1 प्रतिशत बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये से अधिक रही।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने इन नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि डिजिटल संपर्क और संगठित खुदरा क्षेत्र में उठाए गए कदमों से अर्थव्यवस्था की दक्षता बढ़ रही है और भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने में योगदान दिया जा रहा है।