November 27, 2024

अग्रिम युद्ध मोर्चे पर जल्द लड़ाकू रेजिमेंट की कमान संभालती नजर आएंगी महिला सैन्य अफसर, जल्द होगी तैनाती

0

 नई दिल्ली
देश की पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं के अग्रिम मोर्चे पर महिला सैन्य अधिकारी जल्द ही भारतीय सेना की लड़ाकू पलटनों की कमान थामती नजर आएंगी। इसी महीने चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण हासिल करने के बाद आर्टिलरी (तोपखाना) रेजिमेंट के महिला अफसरों का पहला बैच पास आउट करेगा।

ऐतिहासिक कदम होगा महिला अफसरों की तैनाती
सैन्य युद्ध कौशल और रणनीति का संपूर्ण प्रशिक्षण पूरा करने वाली इन महिला सैन्य अफसरों को सेना जल्द ही बॉर्डर के अग्रिम मोर्चों पर अपनी प्रमुख लड़ाकू सहायता इकाई आर्टिलरी डिवजिन में तैनात करेगी। सेना में लैंगिक समानता का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अफसरों की तैनाती ऐतिहासिक कदम होगा।

फ्रंटलाइन आर्टिलरी रेजिमेंट में होगी तैनाती
सेना के सूत्रों के अनुसार, ओटीए चेन्नई में इसी 29 अप्रैल को आर्टिलरी बैच में शामिल की गईं महिला सैन्य अधिकारी अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेंगी। इसके बाद इन सभी महिला अधिकारियों को सेना जल्द ही फ्रंटलाइन आर्टिलरी रेजिमेंट में तैनाती करेगी। भारतीय सेना के इतिहास में पहला मौका होगा, जब महिला अफसरों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात किए जाने वाले लड़ाकू रेजिमेंट का हिस्सा बनाते हुए उन्हें कमान भी सौंपी जाएगी।

अभी तक सेना के इंजीनियर्स कोर, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन, सिग्नल्स कॉ‌र्प्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स, इंटेलिजेंस कॉ‌र्प्स, आर्मी सर्विस कॉ‌र्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर, आर्मी एजुकेशनल कॉ‌र्प्स, जज एडवोकेट जनरल डिपार्टमेंट, मेडिकल कॉ‌र्प्स, आर्मी डेंटल कॉ‌र्प्स और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में महिलाओं के लिए आरक्षित एक विशेष कैडर है। लेकिन सेना के अग्रिम युद्धक इकाईयों में महिलाओं के लिए रास्ता नहीं खुला था।

बनेगा नया इतिहास
चेन्नई ओटीए से पास आउट हो रहा महिला सैन्य अफसरों का आर्टिलरी का पहला बैच इस लिहाज से नया इतिहास रचेगा। सेना में महिलाओं को बराबरी का मौका देने के उद्देश्य से महिला अधिकारियों को उनके पुरुष समकक्षों के बराबर ही अब स्थायी कमीशन मिलना शुरू हो गया है और इसकी वजह से महिला सैन्य अधिकारी भी सेना में पुरूषों के समान समान चुनौतीपूर्ण नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रही हैं।

इसे कामयाब बनाने के लिए नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए महिला अधिकारियों को सशक्त बनाने की पहल सेना ने तेज कर रखी है। ऑपरेशनल, इंटेलिजेंस, लॉजिस्टिक्स और प्रशासनिक पहलुओं के सभी हथियारों के ²ष्टिकोण पर महिला अधिकारियों को कमांड की कठिन चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए एक विशेष सीनियर कमांड कोर्स भी आयोजित किया जा चुका है।

सेना में महिलाओं की संख्या में वृद्धि
सेना के अनुसार, रक्षा सेवा स्टाफ कोर्स (डीएसएससी) व एमटेक और समकक्ष पाठ्यक्रमों के लिए अब महिला अधिकारियों की बढ़ती संख्या प्रतिस्पर्धा बढ़ा रही है और इस वर्ष चार महिला अधिकारियों ने प्रतिष्ठित डीएसएससी परीक्षा पास की है, जो उन्हें कमांड नियुक्तियों के लिए प्रबल दावेदार बना रही हैं। हाल के समय में 617 में से 507 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया गया है और 14 वर्ष से कम कम सेवा वाली जिन महिला सैन्य अफसरों को स्थाई कमीशन नहीं मिला, उन्हें 20 वर्ष की पेंशन योग्य सेवा तक सेवा विस्तार दिया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed