September 25, 2024

कहां से मिली पिस्तौल, क्यों सरेंडर; अतीक अहमद के हत्यारों ने दिए 7 सवालों के जवाब

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 प्रयागराज  

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने पुलिस के सामने कुछ राज उगले हैं। इन हत्यारों ने एक बार फिर से दोहराया है कि उनके पीछे कोई भी मददगार नहीं है और नहीं उनका कोई आका है। इन लोगों से पुलिस ने 7 अहम सवाल पूछे थे, जिनके जवाब इन लोगों ने सिलसिलेवार ढंग से दिए हैं। हालांकि तीनों ने ही एक बार फिर से दोहराया कि हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल हमारी ही थी और हम ही डॉन हैं। तीनों ने कहा कि हमारा ना तो कोई मददगार है और ना ही आका है, जिसके कहने पर हमने हत्याकांड को अंजाम दिया है।

तीनों हत्यारों ने कहा कि हमने जरायम की दुनिया में नाम कमाने के मकसद से ही इस वारदात को अंजाम दिया है। इन तीनों से ही पुलिस ने 7 अहम सवाल पूछे। इनमें से एक सवाल था कि आखिर अतीक और अशरफ की हत्या क्यों की। इसके जवाब में तीनों ने कहा कि हम नाम कमाना चाहते थे। यही नहीं सनी ने तो साफ कहा कि मैं लॉरेंस बिश्नोई जैसा गैंगस्टर बनना चाहता हूं। इसीलिए मैंने इस वारदात को अंजाम देने का फैसला लिया। सनी ने कहा कि मैंने उमेश पाल मर्डर केस में असद का वीडियो देखा था कि कैसे वह नाम कमा रहा है। इसके बाद हमने अतीक की हत्या करके अपराध की दुनिया में नाम कमाने का फैसला लिया।

पुलिस का एक अहम सवाल यह था कि तुर्की में बनी जिगाना पिस्तौल कहां से आई? इसका जवाब भी सनी ने ही दिया। उसने बताया कि उसे यह पिस्तौल एनसीआर के गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी से मिली थी। सनी ने बताया कि उसे एक वकील की हत्या के लिए जितेंद्र मान गोगी ने जिगाना पिस्तौल सौंपी थी, लेकिन वह मारा गया था। इसलिए ये पिस्तौलें उसके पास ही रह गईं। पूछताछ में तीनों ने यह भी बताया कि वह कैसे एक दूसरे से मिले थे। सनी और लवलेश बांदा जेल में बंद थे और यहीं पर उनकी दोस्ती हुई। इसके अलावा अरुण से एक बार पेशी के दौरान मुलाकात हुई थी।

सरेंडर का पहले से ही था प्लान

हत्या के बाद सरेंडर करने के प्लान के बारे में भी तीनों ने बताया। लवलेश और सनी ने कहा कि हमें पता था कि पुलिस मीडिया के सामने हमें गोली नहीं मारेगी। इसलिए हमने भी तय कर रखा था कि पुलिस और मीडिया पर गोली नहीं चलाएंगे। अतीक और अशरफ को मारने के बाद तुरंत सरेंडर कर देंगे। इन तीनों ने यह भी बताया कि हम लगातार टीवी देख रहे थे। 14 अप्रैल को जब उसे कॉल्विन अस्पताल ले जाया गया तो उन्हें पता चल गया था कि अगले दिन फिर से मेडिकल होगा।

लखनऊ में ही नष्ट कर दिए थे मोबाइल

इन लोगों ने यह भी बताया कि हम लोगों ने लखनऊ में ही मोबाइल और सिम नष्ट कर दिए थे। इसके बाद प्रयागराज में नए मोबाइल लिए थे, लेकिन उनके भी सिम हत्याकांड से पहले निकाल कर फेंक दिए थे। इन लोगों ने हत्या की किसी से सुपारी मिलने या फिर प्लान को लेकर भी जवाब दिया। तीनों ने ही कहा कि हमें किसी ने सुपारी नहीं दी थी।

 

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