स्वतंत्रता दिवस पर हमला कर सकते हैं लश्कर और जैश, LOC पर पाक सेना की गतिविधियां बढ़ीं
नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का खतरा किस कद्र भयानक है कि पुलिस अफसरों की छुट्टियां 20 अगस्त तक के लिए रद्द कर दी गई हैं। हालांकि कश्मीर में जारी ब्लैक आउट की पाबंदियों के बीच स्वतंत्रता दिवस पर आतंकी हमले का खतरा पूरे राज्य में मंडरा रहा है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान आतंकी हमले की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की चेतावनी को देखते हुए जम्मू पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस अफसरों और मुलाजिमों की 20 अगस्त तक छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से आतंकियों के राज्य में घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर पाकिस्तान की सीमा से सटे क्षेत्रों और पंजाब से लगी सीमा पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
एसएसपी जम्मू तेजेंद्र सिंह की मौजूदगी में पुलिस कंट्रोल रूम में सुरक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी थाना व चौकी प्रभारियों ने भाग लिया। स्वतंत्रता दिवस समारोह को शांतिपूर्वक मनाने के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने पर चर्चा की गई। इसके अलावा सभी संवेदनशील स्थानों पर जवानों की तैनाती को भी अंतिम रूप दिया गया।
हालांकि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी स्वतंत्रता दिवस के दौरान आतंकी खतरे को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन सुरक्षा कवायद को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति चुनौतीपूर्ण है।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर को लेकर बीते 1 सप्ताह के दौरान जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उससे आतंकियों के आका हताश हो चुके हैं। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान जिस तरह अलग-थलग पड़ चुका है, उसे देखते हुए आईएसआई किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रही है।
पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। कुछ रेडियो संदेश भी पकड़े गए हैं, जो इस बात का संकेत कर रहे हैं कि बीते 1 सप्ताह से अपनी मांद में छिपे आतंकियों को उस कश्मीर में बैठे उनके कमांडर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए लगातार कह रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारी ने बताया कि आतंकी अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए किसी सॉफ्ट टारगेट को चुन सकते हैं। वे किसी जगह बम विस्फोट या सुरक्षाबलों के कैंप पर हमला कर सकते हैं। आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा कर आवश्यक सुधार किए गए हैं।
पिछले कुछ दिनों में एहतियात के तौर पर हिरासत में लिए गए शरारती तत्वों और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों को पहले ईद के मद्देनजर छोड़ने का फैसला लिया गया था जिसे कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। सभी अस्पतालों, सरकारी प्रतिष्ठानों, पुलिस थानों, सीआरपीएफ व सैन्य शिविरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हाईवे पर भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
आतंकी खतरे से निपटने के लिए चिह्नित स्थानों पर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के दस्ते भी तैनात किए गए हैं। डोडा, किश्तवाड़, राजौरी व पुंछ समेत राज्य के सभी आतंकग्रस्त इलाकों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।