September 25, 2024

चीन सीमा पर माणा की बदल गई पहचान, जो था आखिरी वह बन गया देश का पहला गांव

0

 नई दिल्ली

सीमा सड़क संगठन की ओर से सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर देश के अंतिम गांव के स्थान पर पहले गांव का साइन बोर्ड लगा दिया गया है। माणा भारत-चीन सीमा पर बसा एक गांव है जो उत्तराखंड के चमोली जिले का हिस्सा है। इसे पहले भारत का आखिरी गांव कहा जाता था। लेकिन पीएम मोदी की ओर से दिए गए विचार के बाद यह बदलाव आया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि देश का हर गांव पहला गांव माना जाए। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था, 'अब मेरे लिए भी सीमा का हर गांव देश का पहला गांव है।' हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस नई शुरुआत के लिए पीएम मोदी को श्रेय देते हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 21 अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने माणा को भारत के अंतिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहा था। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के सीमावर्ती क्षेत्र आज वास्तव में और अधिक जीवंत हो रहे हैं। इसके लिये वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।

धामी ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का विकास करना, ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव एक उत्पाद की अवधारणा पर पर्यावरण स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसायों को विकसित करना है। इन क्षेत्रों में एक गांव एक उत्पाद योजना के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मददगार होगी और हमारे सीमांत क्षेत्रवासी देश की सुरक्षा में भी भागीदारी निभा सकेंगे।

सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया है। उनका यह कथन हमें एक नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है। एक तरफ जहां यह हमें गर्व की अनुभूति कराता है, वहीं दूसरी तरफ यह हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराता है। उनके विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *