शिक्षा का उपयोग समाज में शोषितों के उत्थान के लिए करना चाहिए : राज्यपाल हरिचंदन
रायपुर
महात्मा गांधी द्वारा अहिंसा रूपी शक्ति शाली शस्त्र, और नेताजी श्री सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद हिन्द फौज के माध्यम से युवाओं को प्रेरित किया गया जिससे युवा भी आजादी के लड़ाई में कुद पड़े। इसी तरह आज के युवा भी देश व समाज के अधिकार के लिए लड़े औैर बेजुबानों की आवाज बने। विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा का उपयोग समाज में शोषितों के उत्थान के लिए करना चाहिए। ये उद्गार राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने श्री हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रथम दीक्षांत समारोह में व्यक्त किए।
विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में 126 नेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न दान-दाताओं द्वारा प्रदत्त स्वर्ण पदक और विश्वविद्यालय द्वारा पांच हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई साथ ही 13 विद्यार्थियों को पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की गई । दीक्षांत समारोह के मुख्यअतिथि श्री भूपेश बघेल थे। श्री बघेल एवं पदमश्री से सम्मानित कलाकार श्रीमती उषा बारले को पी.एच.डी. की मानद उपाधि प्रदान की गई।
कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से उपस्थित राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री हरिचंदन ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि शिक्षा सबसे बडा शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग दुनिया को बदलने में कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि नवाचारों, उद्यमिता और स्टार्ट-अप में योगदान दे, जो समय की मांग है। उन्होंने कहा कि एन.ई.पी. 2020 शिक्षा को आगे बढ़ाते हुए कौशल विकास कि आवश्यकता पर जोर देता है। यह विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिए तैयार करना चाहता है, और इसका उद्देश्य उन्हें नौकरी तलाशने वाले बनने के बजाय नौकरी देने वाला बनाना है।