November 26, 2024

‘अमेरिका में मंदी तो भारत में मोदी’, बनने वाला है नया रिकॉर्ड!

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   नई दिल्ली
बैंकिंग संकट (Banking Crisis) ने अमेरिका में आर्थिक मंदी (Economic Recession) की आशंका को बढ़ा दिया है. जानकारों का मानना है कि अगर मंदी ने अमेरिका को हिट किया, तो फिर पूरी दुनिया में इसका असर देखने को मिलेगा. इस बीच स्टॉक मार्केट (Stock Market) के दिग्गज निवेशक विजय केडिया (Vijay Kedia) का मानना है कि घरेलू इक्विटी बाजार पर अपने आशावादी दृष्टिकोण को बरकरार रखते हुए सरकार का बुनियादी ढांचे पर जोर, जीएसटी और PLI (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजनाओं का पॉजिटिव असर देश की इकोनॉमी पर दिखने लगा है.

मंदी से निपट सकता है भारत

विजय केडिया ने भारतीय इकोनॉमी को लेकर ये बात ऐसे समय में कही है, जब अमेरिका समेत विकसित बाजारों में मंदी की बात हो रही है. केडिया ने कहा- 'अगर अमेरिका में मंदी है, तो इस स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास मोदी के नेतृत्व वाली व्यावहारिक नीतियां हैं.' यही कारण है कि वैश्विक बाजारों में चल रही अनिश्चितताओं के बावजूद बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स अपने ऑल टाइम हाई लेवल से महज पांच से छह फीसदी दूर है.

नई ऊंचाई की तैयारी में मार्केट

30 शेयरों वाला इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स 25 अप्रैल की सुबह के कारोबार में 60,171 पर कारोबार कर रहा था. इंडेक्स एक दिसंबर 2022 को 63,583 के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंचा था. विजय केडिया को लगता है कि बाजार नई ऊंचाई की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मंदी होगी तो हल्की होगी. ट्रेंडलाइन के पास उपलब्ध डेटा से पता चलता है कि विजय केडिया के पास पटेल इंजीनियरिंग, प्रिसिजन कैमशाफ्ट्स, अफोर्डेबल रोबोटिक एंड ऑटोमेशन, अतुल ऑटो, नूलैंड लैबोरेटरीज और वैभव ग्लोबल जैसी कंपनियों में एक-एक प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है.

अमेरिकी फेड के कदम का नहीं पड़ेगा असर

विजय केडिया का यह भी मानना है कि यूएस फेड द्वारा आगे ब्याज दरों में होने वाली बढ़ोतरी भारतीय इक्विटी बाजार को प्रभावित नहीं कर सकती. बैंकिंग सेक्टर पर अपने विचार साझा करते हुए विजय केडिया ने कहा कि अगले 2-3 साल कर्जदाताओं के लिए अच्छे रहेंगे. हालांकि, निवेशकों को बैंकिंग क्षेत्र में विशेष स्टॉक एप्रोच को अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 3-6 महीनों के लिए आईटी सेक्टर ने कोई भी अवसर नहीं दिख रहा है. केडिया ने कहा, 'अमेरिकी अर्थव्यवस्था और बाजार में किसी तरह की रिकवरी आईटी क्षेत्र में निवेशकों के लिए अवसर खोल सकती है.'

अमेरिका में बैंकिंग संकट

अमेरिका (America) में बैंकिंग संकट (Banking Crisis) इस कदर हावी हुआ कि दो हफ्ते में दो बैंकों पर ताला लग गया. सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक डूब गए. कैलिफोर्निया के सेंटा क्लारा स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) 10 मार्च को फेल हो गया था. बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर सहमे जमाकर्ता अपनी रकम निकालने के लिए लाइन में लग गए थे. ये अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर के इतिहास में 2008 में लीमन ब्रदर्स के फेल होने के बाद दूसरी सबसे बड़ी बैंक नाकामी थी.

 

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