चीन में भारत के राजदूत प्रदीप रावत ने राष्ट्रपति शी को परिचय पत्र सौंपा
बीजिंग
बीजिंग में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अपना परिचय पत्र सौंपा। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, राष्ट्रपति शी ने रावत समेत चीन में 70 राजदूतों के परिचय पत्र प्राप्त किए।
शी को परिचय पत्र सौंपने वाले राजदूतों में चीन में अमेरिका के राजदूत रॉबर्ट निकोलस बर्न्स भी शामिल रहे। रावत ने मार्च 2022 में बीजिंग में भारत के राजदूत के तौर पर विक्रम मिसरी का स्थान लिया था। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 1990 बैच के अधिकारी रावत पहले नीदरलैंड में भारत के राजदूत थे।
रावत की नियुक्ति ऐसे वक्त में हुई है जब दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए सैन्य स्तर की 18 चरण की वार्ता की है। इससे पहले, अपने राजनयिक करियर में रावत ने हांगकांग और बीजिंग में काम किया है। रावत सितंबर 2017 से दिसंबर 2020 तक इंडोनेशिया तथा तिमोर-लेस्ते में भारत के राजदूत रहे। वह मंदारिन भाषा धाराप्रवाह बोलते हैं।
राजदूतों का स्वागत करते हुए अपने भाषण में राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन समानता तथा परस्पर लाभ के आधार पर अन्य देशों के लोगों के साथ आपसी लाभकारी सहयोग बढ़ाने तथा मित्रता मजबूत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद की जाती है कि राजदूतों को चीन की व्यापक और गहरायी से समझ होगी और वे मित्रता के दूत तथा सहयोग के पुल के तौर पर काम करेंगे।
शी ने कहा कि चीन सरकार राजदूतों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन के लिए सहयोग तथा सुविधा मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में चीन ने लोगों तथा जिंदगियों को अहमियत देकर कोविड-19 महामारी से लड़ने में लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में चीन को कई देशों तथा लोगों से मदद मिली है।
राष्ट्रपति ने कहा कि चीन ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में पूर्ण सहयोग देने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, सभी के लिए स्वास्थ्य का वैश्विक समुदाय बनाने की दूरदृष्टि को साकार करने के लिए अन्य देशों के साथ काम किया और परस्पर सहायता का संबंध मजबूत किया है।
राजदूतों से बोले जिनपिंग- दुनिया से समानता और आपसी फायदे पर संबंध बनाएगा चीन
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि चीन दुनिया से समानता और आपसी फायदे पर संबंध बनाएगा। दुनिया के 70 देशों के राजदूतों से मुलाकात के दौरान जिनपिंग ने उम्मीद जाहिर की कि सभी देशों के राजदूत अपने देश और चीन के बीच पुल के रूप में काम करेंगे।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति के रूप में नई पारी की शुरुआत के बाद 70 देशों के राजदूतों से उनके क्रेडेंशियल लिये। इनमें भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और अमेरिका के राजदूत रॉबर्ट निकोलस बर्न्स भी शामिल थे। राजदूतों को संंबोधित करते हुए जिनपिंग ने कहा कि चीन दुनिया के देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के लिए तैयार है और यह संबंध समानता और आपसी फायदे पर आधारित होंगे। जिनपिंग ने कार्यक्रम में मौजूद राजदूतों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी राजदूत चीन को गहराई से समझेंगे और आपसी सहयोग और दोस्ती के पुल के रूप में काम करेंगे।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार सभी राजदूतों को उनकी जिम्मेदारी निभाने में मदद करेगी। बीते तीन सालों में चीन ने कोरोना के खिलाफ लडाई में लंबी दूरी तय की है। इस प्रक्रिया में चीन को कई देशों से मदद भी मिली। उन्होंने कहा कि चीन एक आधुनिक समाजवादी देश के निर्माण की राह पर है और आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय कायाकल्प को बढ़ावा दे रहा है।