November 26, 2024

पन्ना जिले की रूंझ और मझगाँय मध्यम् सिंचाई परियोजना को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति

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मुख्यमंत्री चौहान का जल संसाधन मंत्री सिलावट ने माना आभार

भोपाल

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसान का सच्चा हितैषी बताते हुए कहा है कि आज मंत्रि-परिषद की बैठक में पन्ना जिले के किसानों और जनता के लिए सिंचाई परियोजनाओ के लिए अतिरिक्त रूप से मंजूरी दी गई है। इससे 27 हजार हे. क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री चौहान बधाई के पात्र हैं। स्थानीय सांसद वी.डी. शर्मा का योगदान भी उल्लेखनीय रहा है।

मंत्री सिलावट ने बताया कि रूंझ मध्यम् सिंचाई परियोजना पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील में प्रस्तावित है। परियोजना में 64.70 एम.सी.एम. के बांध निर्माण एवं पाईप नहर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना से पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के 47 ग्रामों की 14 हजार 450 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष-2011 में 12 हजार 550 हेक्टेयर हेतु प्रदान की गई थी, जिसकी लागत उस समय 269 करोड़ 79 लाख रूपये थी। वर्ष-2016 में माइक्रो सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने तथा पानी की बचत हेतु खुली नहर के स्थान पर पाईप नहर प्रणाली को सम्मिलित किया गया था।

वृह्द परियोजना नियंत्रण मण्डल की स्वीकृति के बाद वर्ष-2018 से बांध निर्माण का कार्य तथा वर्ष-2019 से पाईप नहर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में परियोजना का कार्य प्रगतिरत् है। बांध का कार्य 75 प्रतिशत् तथा पाईप नहर का कार्य 25 प्रतिशत् पूर्ण हो चुका है। भू-अर्जन अधिनियम-2013 के लागू होने तथा यू.सी.एस.आर. वर्ष-2017 संशोधित होने के कारण परियोजना की लागत में 243 करोड़ 93 लाख रूपये की वृद्धि अनुमानित है। परियोजना के निर्माण कार्य को पूरा करने तथा 14 हजार 450 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई विकसित करने हेतु रूपये 513 करोड़ 72 लाख का पुनरीक्षित प्रस्ताव तैयार किया गया है।

मझगाँय मध्यम् सिंचाई परियोजना पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील में प्रस्तावित है। परियोजना के अन्तर्गत 112.62 एम.सी.एम. के बांध निर्माण एवं पाईप नहर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना से पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के 38 ग्रामों की 13 हजार 60 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष-2012 में 12 हजार 600 हेक्टेयर हेतु प्रदान की गई थी। जिसकी लागत उस समय 358 करोड़ 99 लाख रूपये थी। वर्ष-2016 में माइक्रो सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए तथा पानी की बचत हेतु खुली नहर के स्थान पर पाईप नहर प्रणाली को सम्मिलित किया गया।

वृह्द परियोजना नियंत्रण मण्डल की स्वीकृति के बाद वर्ष-2018 से बांध निर्माण का कार्य तथा वर्ष-2019 से पाईप नहर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। बांध का कार्य 52 प्रतिशत् तथा पाईप नहर का कार्य 30 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। भू-अर्जन अधिनियम-2013 के लागू होने तथा यू.सी.एस.आर. वर्ष-2017 संशोधित होने के कारण परियोजना की लागत में 334 करोड़ 65 लाख रूपये की वृद्धि अनुमानित है। परियोजना के कार्य को पूरा करने तथा 13 हजार 60 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई विकसित करने हेतु रूपये 693 करोड़ 64 लाख का पुनरीक्षित प्रस्ताव तैयार किया गया है।

 

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