मनीष सिसोदिया का CBI चार्जशीट में पहली बार आया नाम, अब कोर्ट लेगी संज्ञान
नई दिल्ली
सीबीआई ने मंगलवार को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। मामले में जांच एजेंसी द्वारा पिछले वर्ष 25 नवंबर, 2022 को दाखिल पहले आरोप पत्र में आप नेता का नाम नहीं था। वहीं, विशेष न्यायाधीश ने इस पर विचार के लिए 12 मई की तारीख तय की है।
ये आरोप लगाए
सिसोदिया पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और साक्ष्य नष्ट करने का आरोप लगाया है। अपने फोन को नष्ट करने का आरोप है, जिसे सीबीआई साक्ष्य मान रही है। पूरक आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने गवाहों की एक सूची भी पेश की है। सूत्रों के मुताबिक, पूरक आरोपपत्र में सीबीआई ने सिसोदिया पर अपने पद का दुरुपयोग करने और दिल्ली में शराब के थोक एवं खुदरा कारोबार पर कुछ लोगों या कंपनियों का एकाधिकार बनाने के लिए नीति में बेईमानी से बदलाव करने का आरोप लगाया है। इसमें दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त ए. गोपी कृष्ण का नाम भी संदिग्धों में शामिल किया है। जमानत याचिका पर आज फैसला संभव आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में जेल में बंद सिसोदिया की जमानत याचिका पर विशेष कोर्ट बुधवार को फैसला सुना सकता है।
एक साथ दो झटके
मंगलवार को दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दो बड़े झटके लगे। पहले एक खबर आई कि सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया की तबियत बिगड़ गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद सिसोदिया को लेकर एक और खबर आई कि सीबीआई ने अदालत में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है और उस चार्जशीम में सिसोदिया का भी नाम है। सिसोदिया के अलावा इस चार्जशीट में तीन और लोगों का नाम शामिल है। इनमें बी. बाबू गोरंटला, अमनदीप ढल और अर्जुन पांडेय का भी नाम शामिल है।
बता दें कि 26 फरवरी को सीबीआई ने दिल्ली के तत्कालीन डीप्टी सीएम को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया की गिरफ्तारी के 58 वें दिन सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। चूंकि गिरफ्तारी के बाद आरोप पत्र दाखिल करने की 60 दिनों की अनिवार्यता होती है। मिली जानकारी के अनुसार, अब अदालत 12 मई को सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र पर संज्ञान लेगी।