September 24, 2024

न रोड शो, न शक्ति प्रदर्शन; सुबह ही सहरसा जेल से रिहा हो गए आनंद मोहन

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पटना
बाहुबली आनंद मोहन की सहरसा जेल से रिहाई हो गई है। पूर्व सांसद गुरुवार सुबह करीब सवा 6 बजे ही जेल से रिहा होकर निकल गए। पहले दोपहर में उनके रिहा होने की बात कही जा रही थी। रिहाई के बाद रोड शो और शक्ति प्रदर्शन की तैयारी भी की गई थी। मगर आनंद मोहन अचानक सुबह ही जेल से निकलकर चले गए। जेल अधीक्षक ने इसकी पुष्टि की है।

जेल अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि शिवहर से पूर्व सासंद आनंद मोहन की रिहाई सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर हुई है। उन्होंने बिना किसी लाव-लश्कर के ही रिहाई ले ली। बताया जा रहा है कि विवाद से बचने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया। आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन 14 साल से ज्यादा की सजा काट चुके थे। नीतीश सरकार ने हाल ही में कारा नियमों में बदलाव कर उनकी रिहाई का रास्ता साफ किया था। सोमवार को आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई का आदेश जारी किया गया।

जब यह आदेश आया तब आनंद मोहन अपने बेटे चेतन की सगाई के सिलसिले में पैरोल पर थे। बुधवार को ही उनकी पैरोल अवधि खत्म हुई और वे सहरसा जेल लौटे। जेल में हाजिरी देने के बाद से उनकी रिहाई की कागजी कार्यवाही की गई। इसके बाद गुरुवार तड़के अंधेरे में ही वे जेल से रिहा होकर चले गए।

सुबह ही जेल से क्यों निकले आनंद मोहन?
बाहुबली आनंद मोहन को रिहा करने के नीतीश सरकार के फैसले पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आईएएस एसोसिशन के साथ ही जी कृष्णैया के परिवार वालों ने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताया और सरकार के इस फैसले का विरोध किया। लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी बुधवार को कहा कि सीएम नीतीश को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। बीजेपी में भी कुछ नेताओं ने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताया है। बताया जा रहा है कि विरोध और विवाद के चलते ही आनंद मोहन ने शक्ति प्रदर्शन के बिना ही सुबह-सुबह जेल से रिहाई ले ली।

आनंद मोहन को 2024 में चुनाव लड़ाने की तैयारी, क्या है प्लान?
आनंद मोहन की जेल से गुरुवार दोपहर में रिहाई होनी थी। उनके समर्थकों में इसे लेकर काफी उत्साह था। उनकी रिहाई पर बड़े जश्न की तैयारी की गई थी। रोड शो के जरिए उन्हें जेल से लेकर घर तक ले जाने का प्लान था। काफिले में 500 गाड़ियों के शामिल होने का दावा भी किया गया। हालांकि, इन सारी तैयारियों के बावजूद आनंद मोहन अलसुबह जेल से चुपचाप छूटकर चले गए।

 

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