सेना ने ‘कमांड साइबर ऑपरेशंस, सपोर्ट विंग्स’ का संचालन शुरू करने का फैसला किया
नई दिल्ली
सेना ने अपने ऑनलाइन नेटवर्क को आधुनिक बनाने के साथ-साथ उसकी प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के तहत ‘कमांड साइबर ऑपरेशन और सपोर्ट विंग्स’ को चालू करने का फैसला किया है। यह निर्णय सेना के कमांडर के पिछले सप्ताह हुए सम्मेलन में लिया गया था।
सेना ने कहा, ‘‘आधुनिक संचार प्रणालियों पर बढ़ती निर्भरता पर जोर देने वाली ‘नेट केंद्रीयता’ की ओर तेजी से होते झुकाव के बीच, इस मंच ने नेटवर्क की सुरक्षा जरूरत की समीक्षा की और निकट भविष्य में ‘कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स’ (सीसीओएसडब्ल्यू) को संचालित करने का निर्णय लिया।’’ इस सम्मेलन में सेना के कमांडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्तमान और उभरते सुरक्षा परिदृश्यों का जायजा लिया और बल की अभियानगत तैयारियों और तत्परता की समीक्षा की।
सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस सम्मेलन में सेना की साइबर विंग की भी शुरुआत की गई। बयान में कहा गया है कि विरोधी देशों की साइबर वारफेयर में बढ़ती क्षमताओं को देखते हुए, साथ ही पारंपरिक वारफेयर की जरूरत को देखते हुए आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में फैसला किया गया है कि कमांड साइबर ऑपरेशन्स एंड सपोर्ट विंग्स की शुरुआत की जा रही है। सेना की साइबर विंग साइबर सुरक्षा को पुख्ता करेगी।
ये अहम फैसले भी हुए
आर्मी कमांडर्स के सम्मेलन में सैनिकों के कल्याण के लिए भी कई कदम उठाने पर फैसला किया गया। इनमें उन दिव्यांग बच्चों को भरण पोषण भत्ता भी बढ़ाने का फैसला शामिल है, जिनके पिता सैन्य कार्रवाई के दौरान शहीद हो गए। सेना में लॉजिस्टिक ड्रोन्स, मिनी ड्रोन्स, एंटी ड्रोन्स और टैक्टिकल ड्रोन्स जैसी विशिष्ट तकनीक और उपकरणों को सेना में शामिल करने के मद्देनजर रोजगार विकसित करने के लिए निदेशालय और परीक्षण संरचनाओं की शुरुआत करने के फैसला किया गया।