November 25, 2024

PM मोदी ने किया 91 FM ट्रांसमीटरों का उद्घाटन, बोले- ये विस्तार ऑल इंडिया एफएम बनने के लिए है महत्वपूर्ण कदम

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 नई दिल्ली
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 91 एफएम ट्रांसमीटरों का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज ऑल इंडिया रेडियो की FM सेवा का ये विस्तार ऑल इंडिया FM बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑल इंडिया रेडियो के 91 FM ट्रांसमिशन की ये शुरूआत देश के 85 ज़िलों के 2 करोड़ लोगों के लिए उपहार की तरह है।
    आज ऑल इंडिया रेडियो की FM सेवा का ये विस्तार ऑल इंडिया FM बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑल इंडिया रेडियो के 91 FM ट्रांसमिशन की ये शुरूआत देश के 85 ज़िलों के 2 करोड़ लोगों के लिए उपहार की तरह है:

पीएम ने कहा कि अभी कुछ दिन बाद ही मैं रेडियो पर 'मन की बात' का 100वां एपिसोड करने जा रहा हूं। 'मन की बात' का ये अनुभव, देशवासियों से इस तरह का भावनात्मक जुड़ाव केवल रेडियो से ही संभव था। मैं इसके जरिए देशवासियों के सामर्थ्य से और सामूहिक कर्तव्यशक्ति से जुड़ा रहा।
    अभी कुछ दिन बाद ही मैं रेडियो पर 'मन की बात' का 100वां एपिसोड करने जा रहा हूं। 'मन की बात' का ये अनुभव, देशवासियों से इस तरह का भावनात्मक जुड़ाव केवल रेडियो से ही संभव था। इस दौरान इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है कि आज 91 एफएम ट्रांसमीटरों का उद्घाटन किया जा रहा है। यह स्थानीय लोगों तक मनोरंजन, खेल और खेती से संबंधित जानकारी प्रसारित करने में बहुत मददगार होगा। मन की बात ने रेडियो की लोकप्रियता बढ़ाई है।
 
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारी सरकार निरंतर तकनीक के लोकतंत्रीकरण के लिए काम कर रही है। भारत अपने सामर्थ्य का पूरा इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए जरूरी है कि किसी भी भारतीय के पास अवसरों की कमी ना हो। आधुनिक तकनीक तो सभी के लिए सुगम और अफोर्डेबल बनाना, इसका एक बड़ा माध्यम है।     हमारी सरकार निरंतर तकनीक के लोकतंत्रीकरण के लिए काम कर रही है। भारत अपने सामर्थ्य का पूरा इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए जरूरी है कि किसी भी भारतीय के पास अवसरों की कमी ना हो। पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में देश में जो तकनीकी क्रांति हुई है, उसने रेडियो और विशेषकर FM को नए अवतार में गढ़ा है। इंटरनेट के कारण रेडियो पिछड़ा नहीं, बल्कि ऑनलाइन FM और पोडकास्ट के जरिए इनोवेटिव तरीकों से सामने आया है। यानी डिजिटल इंडिया ने रेडियो को नए श्रोता भी दिए हैं और नई सोच भी दी है।
 

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