September 23, 2024

दिल्ली में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक; चीन, रूस, ईरान मौजूद

0

नई दिल्ली
 क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा व आतंकवाद जैसे मुद्दों पर नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हो रही है। शुक्रवार को हो रही इस बैठक में चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, ताजिकिस्तान के कर्नल जनरल शेराली मिजरे, ईरान के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा घरेई अष्टियानी और कजाकिस्तान के कर्नल जनरल रुस्लान झाकसीलीकोव, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ वर्चुअल मोड के जरिए इस बैठक का हिस्सा बन रहे हैं।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। बैठक का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा, आतंकवाद पर अंकुश और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। एससीओ की बैठक में सभी सदस्य देश अपना अपना पक्ष रखेंगे।

रक्षा मंत्रियों की इस महत्वपूर्ण बैठक से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यहां अफगानिस्तान के घटनाक्रम सहित सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। यहां एक और महत्वपूर्ण बात यह भी है कि वर्ष 2020 में भारतीय और चीनी सेना के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू का यह पहला दिल्ली दौरा है।

सदस्य देशों के अलावा रक्षा मंत्रियों के इस सम्मेलन में बेलारूस और ईरान सर्वेक्षक देश के तौर पर शामिल हो रहे हैं। इस बार भारत ने रक्षा मंत्रियों की इस महत्वपूर्ण बैठक में 'सिक्योर-एससीओ' का नारा दिया है।

राजनाथ सिंह ने एससीओ बैठक से पहले गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष जनरल ली शांगफू के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। सिंह ने 27 अप्रैल को नई दिल्ली में स्टेट काउंसिलर और चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू से मुलाकात की। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास के बारे में खुलकर चर्चा की।

द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों का विकास, सीमाओं पर शांति और शांति के प्रसार पर आधारित है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी पर सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुसार हल करने की आवश्यकता है। उन्होंने दोहराया कि मौजूदा समझौतों के उल्लंघन ने द्विपक्षीय संबंधों के आधार को नष्ट किया है।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डेपसांग मैदानी क्षेत्र में डी-एस्केलेशन और विवादास्पद मुद्दों का हल तलाशने के लिए भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता भी हो चुकी है। बीते रविवार को दोनों देशों के कोर कमांडरो के बीच यह वार्ता हुई थी। भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की मौजूदा वार्ता से पहले दिसंबर 2022 में यह वार्ता हुई थी।

कई दौर की बातचीत से सैनिकों ने एलएसी के साथ कई स्थानों से वापसी की है। लेकिन कुछ फॉरवर्ड पोस्ट पर अभी भी बख्तरबंद गाड़ियों, तोपखाने वाले सैन्य उपकरण तैनात हैं। भारत ने चीन से सेना के डी-एस्केलेशन करने को कहा है। भारत का पक्ष यह है कि यहां फॉरवर्ड पोस्ट पर स्थिति अप्रैल 2020 से पहले के अनुसार होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *