कार्टूनिस्ट पांडुरंगा ने 2 महीने में बना दी 50 फ्लिप बुक
भिलाई
भिलाई स्टील प्लांट के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रबंधक और प्रख्यात कार्टूनिस्ट बी वी पांडुरंग राव ने महज 2 माह की अवधि में कुल 50 फ्लिप बुक बना कर एक अनूठा रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। अपने जीवन के 79 बसंत देख चुके राव ने उम्र के इस पड़ाव में अपने अथक परिश्रम से खेल, पर्यावरण,प्रदूषण, जल संरक्षण, कोविड 19 सहित अन्य शिक्षाप्रद विषयों पर फ्लिप बुक का निर्माण किया है। इन दिनों बेंगलुरु में निवासरत राव की इस उपलब्धि को इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक आफ रिकॉर्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में एक कीर्तिमान घोषित करते हुए ससम्मान स्थान दिया है।
राव ने अपनी इस उपलब्धि को भिलाई वासियों को समर्पित करते हुए कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में मिले प्रोत्साहन की वजह से ही वह अपनी कला को विकसित कर पाए। उल्लेखनीय है कि यह समस्त फ्लिप बुक हस्त निर्मित होती है और इन छोटी-छोटी किताबों के पन्नों को तेजी से पलटा जाता है, तो फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस, भाला फेंक, तैराकी, पेड़ काटने, वाहन प्रदूषण, कोविड के दौरान देखभाल जैसे कई विषयों पर छवियां एक साथ किसी फिल्म की तरह गतिमान नजर आती है। ये फ्लिप पुस्तकें न केवल युवा और वृद्धों को मनोरंजन प्रदान करती हैं बल्कि शिक्षाप्रद भी हैं। फ्लिप बुक के निर्माण के लिए रचनात्मक सोच, बहुत सारे अवलोकन और कल्पना की आवश्यकता होती है।
पांडुरंगा राव द्वारा विभिन्न आकारों में बनाई गई 50 अद्वितीय व अद्भुत फ्लिप बुक में सबसे छोटे आकार की फ्लिप बुक 0.3 सेमी गुणित 1.2 सेमी शामिल हैं। उन्होंने इसमें 3 डी एनिमेटेड स्केच प्रत्येक पृष्ठ में खींचा है और तैयार वीडियो में वाद्य संगीत भी जोड़ा है। पांडुरंग राव अपनी कार्टून कार्यशालाओं में इन पुस्तकों को प्रतिभागियों को दिखाते रहे हैं, जिसमें यह भी बताते हैं कि इस सुंदर, अनूठी कला को लोकप्रिय बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाएं।
पांडुरंग राव की विभिन्न कृतियों और उपलब्धियों को पहले भी लिम्का बुक आफ रिकॉर्ड्स में 14 बार, इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स में 12 बार, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में 5 बार, वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में 3 बार, यूनिवर्सल रिकॉर्ड फोरम, यूआरएफ एशिया रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है। वह एलिट वर्ल्ड रिकॉर्ड और एशिया ग्रैंड मास्टर सर्टिफिकेट और यूआरएफ लीजेंड अवार्ड के प्राप्तकर्ता भी। राव भूतपूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों सम्मानित होने के अलावा कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं।