November 23, 2024

राज्य सभा में पारिवारिक न्यायालय (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित

0

नई दिल्ली
 विपक्षी सदस्यों की लगातार नारेबाजी के बीच राज्यसभा में गुरुवार को 'पारिवारिक न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2022' ध्वनिमत से पारित हो गया। लोकसभा ने पिछले हफ्ते इस बिल को पास किया था। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य सरकार द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए विरोध कर रहे थे।

विधेयक पर चर्चा के जवाब में, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने लंबित मामलों की सूची देख कर कानून पारित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश में इस समय 715 फैमिली कोर्ट हैं जिनमें 11 लाख से ज्यादा केस पेंडिंग हैं और सरकार हर जिले में कम से कम एक फैमिली कोर्ट खोलने पर जोर दे रही है, ताकि केसों का तेजी से निपटारा हो सके।

1984 के फैमिली कोर्ट एक्ट के अनुसार, राज्य सरकार के लिए हर शहर या कस्बे में एक फैमिली कोर्ट स्थापित करना अनिवार्य है। वहां की आबादी कम से कम 10 लाख होनी चाहिए।

मंत्री ने सदन को बताया कि केंद्र सरकार पहले ही न्यायिक अधिकारियों से पारिवारिक मामलों को महत्व देने को कह चुकी है।

रिजिजू ने आगे बताया कि भारत में, विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि परिवारों और समुदायों का मिलन है, और जब एक विवाह टूट जाता है, तो एक संरचना टूट जाती है।

विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधते हुए रिजिजू ने कहा कि वो इस महत्वपूर्ण बिल पर विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं लेकिन विपक्ष, खासकर कांग्रेस सदस्यों ने जिस तरह का व्यवहार किया, उससे यह संभव नहीं हो सका।

विधेयक के पारित होते ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *