September 23, 2024

एमजी मोटर इंडिया का बिक्री में दबदबा बरक़रार अप्रैल में दोगुनी होकर 4,551 इकाई रही

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नई दिल्ली
वाहन निर्माता कंपनी मॉरिस गैरेज (एमजी) मोटर इंडिया की अप्रैल में खुदरा बिक्री सालाना आधार पर दोगुनी होकर 4,551 इकाई पर पहुंच गई। कंपनी ने अप्रैल, 2022 में 2,008 इकाइयों की खुदरा बिक्री दर्ज की थी।

एमजी मोटर इंडिया ने  एक बयान में कहा कि अप्रैल में उसकी खुदरा बिक्री सालाना आधार पर दोगुना होकर 4,551 इकाई रही। पिछले साल इसी अवधि में कंपनी ने 2,008 इकाइयों की खुदरा बिक्री दर्ज की थी। कंपनी ने बताया कि आपूर्ति श्रृंखला की बाधाएं कुछ मॉडलों में बनी हुई है। हालांकि, कंपनी ग्राहकों की मांग पूरा करने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी के मुताबिक वह अपनी छोटी इलेक्ट्रिक कार कॉमेट ईवी को इस महीने बाजार में उतारने की तैयारी कर रही है। इस कार की बुकिंग 15 मई से शुरू होगी। गौरतलब है कि एमजी मोटर इंडिया देश में एक विनिर्माण संयंत्र संचालित करती है, जो गुजरात के हलोल में स्थित है।

अप्रैल में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां चार महीने के उच्चतम स्तर पर

 भारत में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आई और अप्रैल में यह चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया कि बेहतर अंतरराष्ट्रीय बिक्री और आपूर्ति-श्रृंखला की स्थिति में सुधार के चलते ऐसा हुआ।

मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधन सूचकांक (पीएमआई) मार्च में 56.4 से बढ़कर अप्रैल में 57.2 हो गया। इससे पता चलता है कि इस साल अब तक इस क्षेत्र में सबसे अधिक तेजी से वृद्धि हो रही है। पीएमआई के आंकड़े दर्शाते हैं कि लगातार 22वें महीने में समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार हुआ। पीएमआई की भाषा में 50 से अधिक अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से कम अंक संकुचन को दर्शाता है।

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा, ”नए ऑर्डर में एक मजबूती और उत्पादन वृद्धि अप्रैल में भी मजबूत रही।” कंपनियों को मूल्य दबाव अपेक्षाकृत रूप से कम रहने, बेहतर अंतरराष्ट्रीय बिक्री और आपूर्ति-श्रृंखला में सुधार से भी फायदा हुआ।

माल उत्पादकों को दिए गए नए ऑर्डर पिछले दिसंबर के बाद सबसे तेज गति से बढ़े हैं। बाजार की अनुकूल परिस्थितियों, अच्छी मांग और प्रचार से भी समर्थन मिला। विनिर्माताओं ने अप्रैल में उच्च परिचालन लागत का संकेत दिया। इसके अलावा, सकारात्मक भावना का समग्र स्तर मार्च से बढ़ा है।

 

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